
Netbandi In Rajasthan: राजस्थान की सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में दो बातें कॉमन है पहला पेपर लीक और दूसरा नेटबंदी। इंटरनेट बंद करने का ये मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। बुधवार को नेटबंदी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। ये याचिका छाया रानी ने एडवोकेट विशाल तिवारी के जरिए दायर की है। जिस पर सुनवाई होली के बाद होगी।
शिक्षक भर्ती परीक्षा के दौरान तीन दिन तक (25, 26 और 27 फरवरी) जयपुर, भरतपुर सहित 11 जिलों में इंटरनेट बंद किया गया था। याचिका में शिक्षक भर्ती परीक्षा के दौरान की गई नेटबंदी को आधार बनाया गया है।
इस याचिका में कहा गया है कि प्रतियोगी परीक्षाओं में इंटरनेट बंदी अवैध है। यह राज्य के अफसरों की परीक्षाएं करवाने में नाकामी का परिणाम है। परीक्षाओं में इंटरनेट बैन करने की कोई जरूरत नहीं है। राज्य सरकार का बात-बात में इंटरनेट बैन करना मौलिक अधिकारों का सीधा उल्लंघन है।
राजस्थान की नेटबंदी दूरसंचार सेवाओं के अस्थायी निलंबन (सार्वजनिक आपातकाल या सार्वजनिक सुरक्षा नियम 2017) के भी खिलाफ है। इन नियमों में इमरजेंसी जैसे हालात और सुरक्षा पर खतरा होने पर ही नेटबंदी का प्रावधान है। केवल परीक्षाएं करवाने के लिए नेटबंदी करना नियमों के खिलाफ है।
सुप्रीम कोर्ट ने 2020 में अनुराधा भसीन की याचिका पर सामान्य मामलों में इंटरनेट बैन को गलत बताया था। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा था कि इंटरनेट बंद तभी किया जाना चाहिए जब अत्यावश्यक और अपरिहार्य कारण हो। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुई याचिका में भी यही तर्क दिया गया है कि अनुराधा भसीन के मामले में दिए गए आदेश का पालन राजस्थान सरकार ने नहीं किया है।