News: अशोक गहलोत को कभी कुर्सी नहीं छोड्ती तो कभी बंगला नहीं छोड्ता है। पता नहीं ऐसा गहलोत के साथ ही क्यों होता है। क्या इसे गहलोत का बंगला मोह कहे या सत्ता जाने के बाद भी CM गहलोत की पहचान बनाने के लिए CM House में डेरा डाले हुए है।
आपको बता दें कि डबल इंजन की सरकार में CM और Speaker को 3 महीने के बाद भी सरकारी बंगला नहीं मिल पाया है, उसका कारण भी गहलोत है।
CM भजनलाल शर्मा और विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी सहित कई मंत्रियों को अभी सरकारी बंगलों में शिफ्टिंग का इंतजार है।
CM भजनलाल जहां OTS स्थित अस्थायी मुख्यमंत्री आवास में है, तो वहीं देववानी अपने निजी आवास पर रह रहे हैं।
आपको बता दें कि पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने अभी तक 8 सिविल लाइंस स्थित मुख्यमंत्री आवास खाली नहीं किया है।
पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने 48 नंबर और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी 385 नंबर बंगले को खाली नहीं किया है। 48 नंबर बंगला विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को अलॉट किया गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सिविल लाइंस में बंगला नंबर 49 आवंटित किया हुआ है। यह बंगला पूर्व में विधानसभा अध्यक्ष रहे सीपी जोशी को आवंटित था। जोशी यह बंगला खाली कर चुके हैं, लेकिन गहलोत अभी इसमें नहीं आए हैं।
किरोड़ी लाल मीना को भी शिफ्टिंग का इंतजार
कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीना को भी 14 नंबर बंगले में शिफ्टिंग का इंतजार है। इस बंगले में पूर्व विधायक नरपत सिंह राजवी का परिवार रह रहा है। राजवी चुनाव हार चुके हैं और अब विधायक भी नहीं रहे।
पूर्ववर्ती सरकार के नेताओं को बंगले खाली करने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने तीन फरवरी की डेडलाइन जारी की थी। नियमानुसार यदि दो माह में बंगला खाली नहीं करते तो संबंधित से हर दिन का दस हजार रुपए किराया वसूला जा सकता है।