राजस्थान की राजनीती में कुर्सी की राजनीती जोरो पर है वही पायलट और जादूगर के बीच भी काफी कुछ अंदरूनी रूप से चल रहा है वही पंजाब में जिस तरह का हाल ही में खेला हुआ है। उसके बाद कई दिग्गज नेताओ की राजस्थान पर भी नजर गड़ाई हुई है। ऐसे में एक बड़ा बयान सामने देखने को मिला है पायलट के साथ हुई ना इंसाफ़ी इस बयान के बाद राजनीती काफी गहमा गयी है। वही गहलोत जी ने कहा था नए लोग आगे आएं, अब उन्हें अपने बयान का मान रखना चाहिए
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि सचिन पायलट ने राहुल गांधी से तीन घंटे मुलाकात की है, यह बहुत कुछ कहती है। पूरे देश में बदलाव की बयार है, यह रुकनी नहीं चाहिए और रुकेगी भी नहीं। परिवर्तन संसार का नियम है, न कोई हमेशा सीएम बना रह सकता है न ही पीएम। लोग आते जाते रहते हैं। बीजेपी जब पांच-पांच मुख्यमंत्री बदल सकती है तो कांग्रेस क्यों नहीं? अशोक गहलोत बहुत सम्मानित नेता हैं। उन्होंने खुद कहा था कि नए लोग आगे आएं, गहलोत जी को अब अपने बयान का मान रखना चाहिए।
प्रमोद कृष्णम ने कहा कि राजस्थान में 2018 का विधानसभा चुनाव हुआ था तो सचिन पायलट राजस्थान कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष थे। अशोक गहलोत भी उस वक्त पार्टी में बड़े और जिम्मेदार ओहदे पर थे। वे वरिष्ठ नेता हैं, आज मुख्यमंत्री हैं, अशोक जी की कार्यप्रणाली में कहां गुरेज है? 2018 में पायलट राजस्थान कांग्रेस के तो मध्यप्रदेश में कमलनाथ, छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल प्रदेशाध्यक्ष थे, पंजाब चुनाव से पहले कैप्टन अमरिंदर प्रदेशाध्यक्ष थे।