राजस्थान के फार्मा स्टूडेंट्स के लिए राजस्थान सरकार एक खुशखबरी लेकर आई है। यूं तो पिछले 9 सालों से राज्य में फार्मा के क्षेत्र में स्थाई भर्तियां नहीं हुई हैं। लेकिन अब राजस्थान में 198 नए डिप्लोमा फार्मेसी कालेज शुरू करने की सहमति दे दी गई है।
राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय ने आवश्यक प्रक्रिया पूरी करने के बाद अब 198 नए डिप्लोमा फार्मेसी कॉलेज शुरू करने की सहमति दे दी है। इन कॉलेजों के शुरू होने राज्य में 8880 नई सीटों की बढ़ोत्तरी होगी और 14640 कुल सीटें हो जाएंगी ।
नए फार्मेसी कॉलेज खुलने से राज्य में फार्मेसी की सीटें तो बढ़ेंगी लेकिन पास आउट होने के बाद नियुक्तियों पर संशय के बादल छाए हुए हैं। पिछले 9 साल से राज्य में फार्मेसी के क्षेत्र में स्थाई नियुक्तियां नहीं हुई हैं। वहीं प्रदेश में 18 हजार निःशुल्क दवा वितरण केन्द्र जिनमें से लगभग 13500 वितरण केन्द्रों पर फार्मासिस्ट नहीं हैं। यहां पर अन्य कार्मिकों से दवा वितरण करवाया जा रहा है।
सरकार लगातार संविदा कर्मियों के नियमितीकरण की बात कर रही है, लेकिन दूसरी ओर संविदा कर्मियों की फौज तैयार करने में लगी हुई है। साथ ही इन्हें मानदेय भी बेहद कम दिया जा रहा है। भर्ती नहीं होने पर बहुत से संविदा कर्मी फार्मासिस्ट आयु सीमा पार करने की कगार पर हैं।
कर्मचारी चयन बोर्ड ने वर्ष 2018 में लिखित परीक्षा के माध्यम से 1736 पदों के लिए भर्ती निकाली, लेकिन यह भी अब तक नहीं हो पाई है। इस भर्ती में करीब 22 हजार आवेदन सरकार को मिले थे। इन पदों की लंबित भर्ती के बीच राज्य सरकार ने गत वित्तीय वर्ष में फार्मासिस्ट के 2369 नए पद सृजित किए। 442 पद वित्तीय स्वीकृति के लिए प्रक्रियाधीन हैं। वर्ष 2011, 2013 में हुई भर्तियों के बैक-लॉग पद भी रिक्त हैं।