राजस्थान का एक ऐसा रहस्यमयी गांव जो गायब हो गया रातों-रात

भारत की पारंपरिक जमीन पर ऐसे कई राज दफन है जो आज इतनी सदियां बीतने के बाद भी राज ही है। यहां कई ऐसी पहेलियां है जिनको कभी कोई सुलझा नहीं पाया है। इन्हें जितना सुलझाने की कोशिश की जाती है ये उतना उलझती चली जाती है। कहा जाता है की कुछ राज, राज ही रहें तो बेहतर है।
राजस्थान का एक ऐसा रहस्यमयी गांव जो गायब हो गया रातों-रात
राजस्थान का एक ऐसा रहस्यमयी गांव जो गायब हो गया रातों-रात

भारत की पारंपरिक जमीन पर ऐसे कई राज दफन है जो आज इतनी सदियां बीतने के बाद भी राज ही है। यहां कई ऐसी पहेलियां है जिनको कभी कोई सुलझा नहीं पाया है।

इन्हें जितना सुलझाने की कोशिश की जाती है ये उतना उलझती चली जाती है। कहा जाता है कि कुछ राज, राज ही रहें तो बेहतर है।

करेगा पूरे गांव की हत्या

ऐसा ही एक राज दफन है राजस्थान के जैसलमेर के कुलधरा गांव में। आप ये सुन कर हैरान हो जाएंगे की ये गांव पिछले 170 सालों से वीरान है। इंसान तो दूर की बात है इस गांव में 170 सालों से एक चिड़िया तक ने अपना पैर नहीं रखा है।

एक ऐसा गांव जो रातों-रात वीरान हो गया, और आज सदियों के बाद भी ये पता नहीं लग पाया कि आखिर इस गांव के वीरान होने के पीछे आखिर वजह थी क्या।

कुलधरा गांव का एक अजीब रहस्य है। कुलधरा की कहानी शुरू हुई ही आज से करीबन 200 साल पहले हुई थी। जब कुलधरा गांव में पालीवाल ब्राह्मण रहा करते थे।

लेकिन एक दिन कुलधरा को किसी कि बुरी नज़र लग गई, और वो बुरी नज़र थी रियासत के दीवान सलीम सिंह की अय्याश नज़र गांव की एक लड़की पर पड़ गई जो बहुत खूबसूरत हुआ करती थी।

दीवान उस लड़की की प्यार में इस कदर पागल था की बस किसी तरह वो उसे पाना चाहता था।उसने गांव के सभी परिवारों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया।

हद तो तब पार हो गई जब सत्ता के मद में चूर दीवान ने लड़की के घर संदेश भेजवाया की पूरनमासी की रात तक लड़की को उसके हवाले कर दिया जाए नहीं तो वे पूरे गांव की हत्या कर देगा।

एक ही रात में गांव खाली

दीवान की और गांव वालों की ये लड़ाई अब लड़की के आत्म सम्मान के साथ-साथ गांव के सम्मान की भी थी। कहा जाता है कि निर्णय लेने के लिए सभी 84 गांव वाले एक मंदिर पर इकट्ठा हो गए और पंचायतों ने फैसला किया कि चाहे जो हो जाये वो अपनी लड़की उस दीवान को नहीं देंगे।

अगली ही रात तक कुलधरा कुछ इस तरह से वीरान हुआ कि आज परिंदे में भी उस गांव कि सरहदों में दाखिल नहीं होते। किसी को आज तक यह नहीं पता कि आखिर सभी गांव वाले गए कहां। उन्हें उसके बाद फिर कभी नहीं देखा गया।

बता दें कि वक्त के साथ 82 गांव तो दुबारा बन गए, लेकिन दो गांव कुलधरा और खाभा तमाम कोशिशों के बाद भी आजतक आबाद नहीं हो पाए हैं। ये गांव अब भारतीय पुरातत्व विभाग के संरक्षण में हैं जिसे दिन की रोशनी में सैलानियों के लिए रोज खोल दिया जाता है।

ऐसा कहा जाता है कि यह गांव रूहानी ताकतों के कब्जे में है। उन्हें वहां हर पल ऐसा अनुभव होता है कि कोई आसपास चल रहा है। बाजार के चहल-पहल की आवाजें आती हैं, महिलाओं के बात करने और उनकी चूड़ियों और पायलों की आवाज हमेशा ही आती रहती है।

गांव के सभी दरवाज़े अपने आप हो जाते है बंद

रात होते ही गांव रूहानी ताकतों की कैद में होता है और गांव के सभी दरवाज़े अपने आप बंद हो जाते हैं और दिखाई देता है रूहानी ताकतों की रहस्यमयी दुनिया, जहां से कभी कोई व्यक्ति वापस नहीं आ सकता। रात के वक्त जो भी व्यक्ति यहां गया उसके साथ हादसा हमेशा हुआ है।

पैरानॉर्मल सोसाइटी के अध्यक्ष अंशुल शर्मा का कहना है कि एक डिवाइस है जिसका नाम है गेस्ट बॉक्स। इसकी मदद से आत्माओं से सवाल पूछे जाते हैं।

कुलधरा में जब ऐसा किया गया तो वहां पर आत्माओं का आभास हुआ और कुछ आत्माओं ने तो अपने नाम भी बताये।

4 मई, 2013 में एक टीम रात्रि के समय कुलधरा गई थी। इस दौरान उनकी गाड़ियों पर बच्चों के हाथ के निशान मिले थे। हालांकि ये अभी भी रहस्य बना हुआ है कि गाड़ियों पर बच्चों के हाथ के निशान आएं कहां से।

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