Center's Guidelines for Coaching Institutes: केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने न्यू एजुकेशन पॉलिसी-2000 के तहत गाइडलाइन फॉर रजिस्ट्रेशन रेगुलेशन कोचिंग सेंटर-2024 जारी की है। इसके तहत 16 साल की उम्र से कम आयु के विद्यार्थियों को कोचिंग में प्रवेश नहीं देने और कक्षा दसवीं के बाद ही विद्यार्थियों को संस्थानों में प्रवेश देने के लिए निर्देशित किया है।
इसके बाद कोटा की कोचिंग इंडस्ट्री को झटका लग सकता है, क्योंकि कोटा में कक्षा 6 से 10 तक के ही कई विद्यार्थी पढ़ने के लिए आते हैं। मेडिकल और इंजीनियरिंग एंट्रेंस की तैयारी करने के लिए कक्षा 9 से ही स्टूडेंट यहां पर पढ़ने आते हैं, जिनकी उम्र 16 साल से भी कम होती है।
सरकार ने नई गाइडलाइन में दसवीं पास करने वाले बच्चों को ही कोचिंग संस्थानों में प्रवेश की अनुमति दी है, जबकि ये स्टूडेंट कक्षा 9 और 10 में भी कोटा से ही पढ़ते हैं। यहां के स्कूलों में इनका एडमिशन होता है, वहीं पूरी पढ़ाई कोचिंग के जरिए ही करवाई जाती है।
कोटा की कोचिंग संस्थानों ने नई गाइडलाइन को बारीकी से अध्ययन करना शुरू कर दिया है। दूसरी तरफ गाइडलाइन आने के बाद हॉस्टल संचालकों में भी एक डर खड़ा हो गया है, क्योंकि उनके यहां भी 16 साल से कम उम्र के स्टूडेंट रहते हैं। ये सभी स्टूडेंट कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई करते हैं।
बीते साल सितंबर माह में राज्य सरकार की जारी की गई गाइडलाइन के जैसी ही ये नई गाइडलाइन है। उस गाइडलाइन में 5 दिन पढ़ाई, त्योहार पर छुट्टी, कम उम्र के बच्चों को प्रवेश नहीं, सिलेक्शन के दावे पर रोक, इन हाउस टेस्ट का परिणाम सार्वजनिक नहीं करना, गेटकीपर ट्रेनिंग, हर 3 महीने में पेरेंट्स टीचर मीटिंग, सीसीटीवी सर्विलेंस, स्टूडेंट की अटेंडेंस पर पूरी नजर, स्क्रीनिंग टेस्ट से एडमिशन व फीस रिफंड सहित कई नियम थे। केंद्र सरकार की इस गाइडलाइन में भी इनमें से कई नियम शामिल किए गए हैं। हालांकि इस गाइडलाइन की भी पूरी पालना कुछ कोचिंग संस्थान फिलहाल नहीं कर रहे हैं।
कोचिंग संस्थानों में कक्षा 6 से पढ़ने वाले विद्यार्थियों को प्री नर्चर कॅरियर फाउंडेशन कोर्स (PNCF) में शामिल किया जाता है. ये कोर्स कोटा के लगभग सभी बड़े कोचिंग संस्थान संचालित करते हैं, जिनमें हजारों की संख्या में स्टूडेंट पढ़ भी रहे हैं। ये स्टूडेंट या तो अपने माता-पिता के साथ ही कोटा में रहते हैं, या फिर हॉस्टल या पीजी में रेंट से रूम लेकर भी रह रहे हैं। ऐसे में केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन के तहत इन विद्यार्थियों को पढ़ाना भी अब कोचिंग संस्थानों के लिए चुनौती भरा हो सकता है।