DGP-IG Conference: पुलिस और खुफिया एजेंसियां नक्सलवाद का मिलकर करें खात्मा: पीएम मोदी

DGP-IG Conference in Jaipur: डीजीपी-आईजी सम्मेलन में दूसरे दिन पीएम-गृहमंत्री ने चारों सत्रों में हिस्सा लिया। इसमें पड़ोसी मुल्कों से आतंकी गतिविधियों के निपटने के लिए रणनीति पर भी मंथन हुआ।
DGP-IG Conference: पुलिस और खुफिया एजेंसियां नक्सलवाद का मिलकर करें खात्मा: पीएम मोदी

DGP-IG Conference in Rajasthan: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को झालाना स्थित इंटर नेशनल सेंटर (आरईसी) में आयोजित 58वें डीजीपी-आईजी सम्मेलन में शिरकत की। प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मेलन के चारों सत्रों में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने पुलिस और खुफिया एजेंसियों को मिलकर आतंकवादी और नक्सलवादियों को देश से जड़ से उखाड़ फेंकने का आव्हान किया। सम्मेलन में गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने भी हिस्सा लिया।

सम्मेलन में कानून-व्यवस्था से संबंधित देश के ज्वलंत मुद्दों और पड़ोसी मुल्क चीन तथा पाकिस्तान से आतंकी गतिविधियों के मामले में मिल रही चुनौतियों से निपटने के व्यापक स्तर बनाई गई रणनीतियों पर मंथन किया गया। पीएम के साथ गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने भी सम्मेलन के अलग-अलग सत्रों में अपने विचार रखे।

राष्ट्रीय स्तर पर एक्शन प्लान तैयार

चीन और पाकिस्तान में सक्रिय अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों के आधुनिक संचार संसाधनों और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) के जरिए अपनाए गए नए-नए हथकंडों के तोड़ भी तलाशे गए। सत्र में राष्ट्रीय खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों ने अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों की ओर से हाल ही दिए गए साइबर थ्रेट के अलावा आतंकियों के घुसपैठ के नए तरीकों पर भी प्रकाश डाला।

इसके अलावा बांग्लादेश और पाकिस्तान से सटे देश के सीमावर्ती जिलों में पिछले दिनों सामने आए मादक पदार्थ तस्करी के बड़े मामलों को भी गंभीरता से लिया गया और अंतरराष्ट्रीय तस्करों पर नकेल डालने के साथ-साथ देश में सक्रिया इनके गुर्गों के खिलाफ भी प्रभावी कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक्शन प्लान भी तैयार किया गया।

आदिवासी इलाकों में बढ़ते वामपंथी पर चर्चा

सम्मेलन में नार्थ-ईस्ट के अलावा मध्यप्रदेश में सक्रिय नक्सलवादियों का जाल अन्य आदिवासी इलाकों में भी फैलने से रोकने का एक चुनौती के रूप में रखा गया। रक्षा विशेषज्ञों और खुफिया एजेंसियों के आला अधिकारियों ने इसके लिए वामपंथी विचारधारा को भी एक बड़ा कारण माना।

राष्ट्रीय खुफिया एजेंसियों ने नक्शलियों पर प्रभावी कार्रवाई और आदिवासी इलाकों में इनके बढ़ते कदम को रोकने के लिए प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के समक्ष सुझाव भी रखे, जिनकी प्रधानमंत्री ने भी तारीफ करते हुए पुलिस और खुफिया एजेंसियों के तमाम आला अधिकारियों को इनपर प्रभावी तरीके से अमल कर देश से नक्शलवाद को जड़ से खत्म करने का आव्हान भी किया।

इस्लामिक आंतकवाद से निपटने के तरीकों पर सुझाव

इस्लामिक आंतकी संगठनों से निपटने के लिए भी सम्मेलन में कई अहम मुद्दों पर चार्चा की गई। इसमें जम्मू-कश्मीर, उत्तप्रदेश, राजस्थान सहित अन्य राज्यों में इस्लामिक संगठनों के सामने आए नापाक इरादों को सामने रखा गया। आंतकी संगठनों के आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस के इस्तेमाल कर देश में आतंक फैलाने के फर्जी वीडियो, और कॉल आने के मामलों पर भी मंथन कर इससे निपटने के तरीकों के सुझाव भी रखे गए।

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