Rajasthan Election 2023: छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दिया है, लेकिन राजस्थान में अभी देरी बताई जा रही है। सूत्रों का कहना है की 17 अक्टूबर को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक दिल्ली में होगी उसके बाद ही लिस्ट जारी हो सकेगी।
इस गुटबाजी की वजह से कांग्रेस की लिस्ट में देरी होने की बात सामने आ रही है। इस बार राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की तरफ से कई गुट सामने आ रहे हैं और उनकी वजह से उनके प्रत्याशियों के नाम पर सहमति न बन पाने से देरी हो रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, सीएम अशोक गहलोत, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, भंवर जितेंद्र सिंह और धीरज गुर्जर इस बार अपने लोगों के नाम लेकर आगे हैं ऐसे में मामला अभी फंसा हुआ है।
राजस्थान कांग्रेस के 48 प्रत्याशियों के नाम पिछले दिनों वायरल हुए। उस वायरल लिस्ट में सचिन पायलट गुटके एक भी प्रत्याशी का नाम नहीं था। तभी से यह चर्चा होने लगी थी कि जो लिस्ट आएगी उसमें क्या पायलट के समर्थक नहीं होंगे? उसके बाद दिल्ली में स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक हुई। उसके बाद से यह माना जा रहा है कि सचिन पायलट ने अपने उन तमाम प्रत्याशियों के नाम बताए हैं जो वर्तमान में विधायक हैं या जो मजबूत प्रत्याशी के रूप में यहां पर चुनाव लड़ सकते हैं।
इसे लेकर कहा जा रहा है सचिन पायलट ने सूची जारी होने से पहले अपना वीटो पावर लगा दिया है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस पार्टी भी सचिन पायलट को नाराज नहीं कर सकती है और उनके द्वारा बताए गए नामों पर पूरी सहमति जाता रही है, लेकिन वही अशोक गहलोत गुट इस पर सहमत नहीं हो पा रहा है।
राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार को समर्थन देने वाले तमाम निर्दलीय विधायक इस बार कांग्रेस से मैदान में आना चाहते हैं। मगर उनकी जगह कांग्रेस के वो नेता दावेदारी कर रहे हैं जो पिछली बार चुनाव लड़ चुके हैं। ऐसे में इन निर्दलीयों की वजह से 'गेम फंस' गया है. क्योंकि, उनकी जगह कांग्रेस के कार्यकर्ता भी टिकट मांग रहे हैं। दरअसल, ये निर्दलीय विधायक अशोक गहलोत के भरोसे सरकार को समर्थन कर रहे हैं। अब वो कांग्रेस से टिकट मांग रहे हैं। अब उन पर सचिन पायलट, गोविंद सिंह डोटासरा, धीरज गुर्जर और भंवर जितेंद्र सिंह पूरी तरह से सहमत नहीं हो पा रहे हैं.।