Jaipur News: बीकानेर की रहने वाली मोनालिसा की जयपुर में हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया। पुलिस जब रिकॉर्ड लेने पहुंची तो उसे कुछ नहीं मिला। इस हत्याकांड के खुलासे के बाद अब जयपुर नगर निगम हेरिटेज को अपना नियम बदलना पड़ा है। जयपुर में अब श्मशान और कब्रिस्तान में अंतिम संस्कार या सुपुर्द ए खाक करने के लिए पांच लोगों की आईडी देनी पड़ेगी। इसमें मृतक की आईडी भी शामिल होगी। ये पांच लोग वे होंगे, जो अंतिम संस्कार में शामिल हुए।
जयपुर नगर निगम हेरिटेज ने 8 मार्च को इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। ये आदेश बीकानेर के चर्चित मोनालिसा हत्याकांड के बाद जारी किए गए हैं। इसके लिए पिछले दिनों बीकानेर के एडिशनल एसपी अमित कुमार ने जयपुर कलेक्टर को लेटर भी लिखा था।
नगर निगम जयपुर हेरिटेज के कमिश्नर विश्राम मीणा ने बताया कि जयपुर शहर में संचालित श्मशान और कब्रिस्तान में अंतिम संस्कार के बाद कई मृतकों का रिकॉर्ड नहीं रखा जाता है। इससे गलत काम और मृतकों की सही जानकारी नहीं मिल पाती है। उन्होंने बताया कि अब अंतिम संस्कार के लिए लाए जाने वाले मृतक व्यक्ति की पहचान के लिए उसकी आईडी के साथ ही अंत्येष्टि में शामिल होने वाले कम से कम 5 लोगों की आईडी देना जरूरी होगा।
नगर निगम जयपुर हेरिटेज की ओर से संचालित सभी श्मशान घाटों मे अंतिम संस्कार का पूर्ण रिकॉर्ड बनाया जाए।
श्मशान घाट में काम करने वाले, लकड़ी बेचने वाले, अंतिम संस्कार करवाने वाले, दाह संस्कार से संबंधित अन्य सामग्री बेचने वाले के द्वारा भी रिकॉर्ड नहीं बनाया जाता है। इनके द्वारा भी दाह संस्कार सामग्री लेने वाले का रिकॉर्ड रखा जाए।
श्मशान घाट में जितने भी लोगों का अंतिम संस्कार होता है। मृतक की पहचान सुनिश्चित होने के बाद दाह संस्कार किया जाए।
अंत्येष्टि में शामिल कम से कम 5 लोगों के पहचान संबंधी डॉक्यूमेंट लेकर रिकॉर्ड लिया जाए।
दाह संस्कार से संबंधित रिकॉर्ड हर महीने नगर निगम में जमा करवाया जाए।
वर्तमान में जयपुर शहर के श्मशान और कब्रिस्तान में लाए जाने वाले मृतक की आईडी के अलावा उसके किसी एक परिजन की आईडी ली जाती थी। ताकि उसका डिटेल डेथ सर्टिफिकेट के आवेदन पत्र में भरकर नगर निगम भिजवाया जा सके। अब नगर निगम ने 5 अन्य लोगों की आईडी भी लेने के निर्देश दिए हैं।
बीकानेर की रहने वाली महिला मोनालिसा की 5 फरवरी 2021 को ओमेक्स सिटी जयपुर में पति भवानी सिंह ने फ्लैट में हत्या कर दी की थी। हत्या के सबूतों को नष्ट करने के लिए नेचुरल मौत बताते हुए नगर निगम जयपुर के सोडाला पुरानी चुंगी स्थित मोक्ष धाम में मोनालिसा का अंतिम संस्कार कर दिया था। मोनालिसा के घरवालों को मौत का कारण कोरोना बताया था। घरवालों को जब शक हुआ तो उन्होंने इसको लेकर साल 2022 में बीकानेर में हत्या का केस दर्ज कराया। फिर पुलिस ने मोनालिसा का बैकग्राउंड और भवानी की कुंडली खंगाली तो पूरा सच सामने आया।
मोनालिसा की बीकानेर में जयपुर रोड पर करोड़ों रुपए की जमीन थी। भवानी सिंह की नजर मोनालिसा की इसी जमीन पर थी, जिसे हड़पने के लिए उसने प्रेमजाल में फंसाया था। मनोलिसा का विश्वास जीतने के बाद भवानी उसके साथ साल 2020 में जयपुर में लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगा था। थोड़े दिनों बाद भवानी ने मोनालिसा से शादी कर ली थी। जबकि भवानी पहले से शादीशुदा था।
इस बीच जब भवानी को पता चला कि मोनालिसा ने एक जमीन का करीब 70 लाख में सौदा किया है। उसने उसे मारने का प्लान बना डाला था। भवानी ने पांच फरवरी 2021 को दूध में नींद की गोलियां मिला कर मोनालिसा को पिला दी थी। उसके बाद जब वह बेहोश हो गई तो तकिए से उसका मुंह दबाकर उसे मार दिया था।