
Kanhaiya Taylor Murder Case: राजस्थान के उदयपुर में कन्हैया लाल तेली की हत्या की घटना को 1 साल हो गए हैं। आज ही के दिन यानी 28 जून, 2022 को मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद ने गला रेत कर उनकी हत्या कर दी थी। उनका गुनाह था कि उन्होंने भाजपा नेता नूपुर शर्मा का समर्थन किया।
जिस मालदास स्ट्रीट बाजार में ये घटना हुई, वहां आज भी लोग नहीं आते। यहीं कन्हैया लाल तेली दर्जी का काम करते थे। बाजार की गलियों में लगभग 300 दुकानें हैं जहां लोगों का हुजूम उमड़ता था, लेकिन अब सन्नाटा ही यहां की तस्वीर है।
‘दैनिक भास्कर’ ने कन्हैया लाल तेली की हत्या के एक वर्ष पूरे होने पर की गई अपनी ग्राउंड रिपोर्टिंग में बताया है कि दुकानदार कहते हैं कि वो खुद डरे हुए हैं, उनके घर वाले डरे हुए हैं। वो मीडिया के सामने अपना चेहरा नहीं लाना चाहते।
उन्होंने बताया कि इस इलाके के अधिकतर व्यापारी चले गए। जो कुछ घर हैं, उसके लोग ताला लगा कर भीतर ही रहते हैं। पहले रात 10 बजे तक बाजार में रौनक रहती थी, अब 6 बजे तक दुकानदार घर चले जाते हैं।
जो बचे हुए हैं, वो वो भी कुछ और करने की सोच रहे। कुछ अपनी दुकान लेकर कहीं और शिफ्ट हो गए। एक अन्य टेलर ने बताया कि मंदी का माहौल है, ऊपर से इस घटना ने लोगों को डरा दिया।
वहां पिछले 3 दशक से कपड़ों की दुकान चला रहे एक व्यापारी ने बताया कि कारोबार ठंडा पड़ा हुआ है। कई दुकानों में कभी-कभी दिन भर बोहनी नहीं होती, दिन भर दुकानदार बैठे रह जाते हैं। अब गुंडागर्दी जैसा माहौल नहीं है, लेकिन बाजार से रौनक गायब है।
28 जून, 2022 को हुई इस घटना के बाद ‘सर तन से जुदा’ गिरोह के खिलाफ देश भर में प्रदर्शन हुआ था। कन्हैया लाल तेली के परिवार के घर के बाहर अब भी पुलिसकर्मी रहते हैं। पत्नी जसोदा अपने दिवंगत पति की सिलाई मशीन को निहारती रहती हैं। आए दिन उनके सिले कपड़ों को लेकर बैठ जाती हैं। इन्हें लोगों को दिखाती हैं।
पिता के बिना बेटे अपना जन्मदिन तक नहीं मनाते। पत्नी को आज तक उनके पति की हत्या का वीडियो नहीं दिखाया गया है, वो कहती हैं कि उनके हाथ में हो तो हत्यारों को मार दें।
बड़ा बेटा चप्पल नहीं पहनता है और बाल नहीं कटवाता है, प्रण है कि पिता के हत्यारों को फाँसी मिलने तक वो वैसे ही रहेगा। अस्थियाँ भी तभी विसर्जित होंगी। परिवार के लोगों को चाय पीने जाने से लेकर बीमारी होने पर अस्पताल तक जाने के लिए पुलिस से अनुमति लेकर सुरक्षा के साथ जाना होता है।
छोटे बेटे की फार्मेसी की पढ़ाई छूट गई। होली-दीवाली जैसे त्योहारों पर मातम का माहौल रहता है। बेटे थोड़े भी लेट हो जाते हैं तो माँ को चिंता रहती है। अब पारिवारिक माहौल भी नहीं रहा क्योंकि लोगों ने उनके यहाँ आना-जाना छोड़ दिया है।
पत्नी कहती हैं कि धानमंडी थाने ने इस मामले में काफी लापरवाही बरती। फ़ास्टट्रैक कोर्ट में 6 महीने में हत्यारों को सज़ा दिलाने की बात हुई थी, वो वादा भी अब तक अधूरा है। कन्हैया लाल तेली हत्याकांड पर फिल्म भी बनने वाली है। उदयपुर प्रोडक्शन कंपनी की टीम आने वाली है, जो सारे कैरेक्टर्स को समझेगी। इससे ये कहानी देश को और अच्छे से पता चलेगी।