श्रीगंगानगर के रहने वाले मिमिक्री आर्टिस्ट श्याम रंगीला ने वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। इसके बाद से वो काफी चर्चा में आ गए है। रंगीला का कहना है कि वो नहीं चाहते की काशी में भी सूरत या इंदौर जैसा ही हाल हो।
रंगीला ने कहा कि इसीलिए उन्होंने यहां से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। ताकि अगर बाकी पार्टियों के प्रत्याशी अपना नामांकन वापस ले लेते है या किसी कारणवश उनका नामांकन रद्द हो जाता है, तो वाराणसी के निवासियों के पास BJP के अलावा भी कोई दूसरा विकल्प होना चाहिए।
श्याम रंगीला का असली नाम श्याम सुन्दर है और वो राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के मानकथेरी गांव के रहने वाले हैं। इनका जन्म 25 अगस्त 1994 में हुआ था। रंगीला को अपने स्कूल-कॉलेज के दिनों से ही कॉमेडी करना पसंद है और लोगों की मिमिक्री करने में तो उन्हें महारत हासिल है।
अपनी इसी कला के चलते इन्हें टीवी शो द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज में भी जाने का मौका मिला, जिसके बाद उन्होंने हर घर में अपनी पहचान बना ली। इसके बाद रंगीला ने सोशल मीडिया पर भी अपनी मिमिक्री का जादू चलाया और लोगों के दिलों में जगह बना ली। गौरतलब है कि आज रंगीला जिस नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे है एक समय पर वो उन्हीं की नकल किया करते थे।
श्याम रंगीला ने राजनीती में अपना कदम 2022 में ही रख दिया था। उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी से खुद को जोड़ लिया था, लेकिन कुछ समय बाद स्वतंत्र रूप से काम करने की इच्छा को जताते हुए, पार्टी से किनारा कर लिया था। इस बार लोकसभा चुनाव में वो फिर से मैदान में उतरे है पर अकेले।
X पर पोस्ट कर दी जानकारी
जब श्याम रंगीला के नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनावी मैदान में उतरने की खबरें चर्चा में आयी तो लोगों ने उसे मज़ाक में ले लिया। सबको हैरानी तब हुई जब रंगीला ने खुद इस बात की पुष्टि अपने X अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट कर के दी।
उन्होंने वीडियो में कहा कि वह काशी में सूरत जैसा हाल नहीं चाहते और इसलिए उन्होंने चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। वो आगे कहते है कि हालांकि उन्हें नामांकन भरने या चुनाव लड़ने की ज़्यादा जानकारी नहीं है, पर चाहे कुछ भी हो जाये वो अपना नामांकन वापस नहीं लेंगे।