वक्त वक्त की बात है। राजनीति में कब किसका पलड़ा भारी हो जाए, कहा नहीं जा सकता है। कुछ वर्षों पहले राजस्थान में जहां कांग्रेस का दबदबा हुआ करता था, वहां अब भाजपा का दबदबा है।
राजस्थान के लोकसभा चुनाव में 2009 से लेकर अब तक के वोट शेयर पर गौर करें तो पता चलता है कि राजस्थान में पहले कांग्रेस का वर्चस्व था। आधी से ज्यादा लोकसभा सीटों पर 50 फीसदी से ज्यादा वोट शेयर कांग्रेस के समर्थन में था, लेकिन वर्ष 2014 और 2019 के चुनाव के समय पासा पलट गया। भाजपा के वोट शेयर में भारी बढ़ोतरी देखी गई है।
अगर बात कि जाए तो वर्ष 2004 से लेकर 2014 तक केंद्र में यूपीए की सरकार थी और डॉ. मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री थे। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान राजस्थान में कांग्रेस का दबदबा था।
राजस्थान की 25 में से 20 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी। बीजेपी को सिर्फ 4 सीटों पर जीत मिली जबकि एक सीट दौसा पर निर्दलीय डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने चुनाव जीता था।
कांग्रेस के 20 में से 14 प्रत्याशियों ने 50 फीसदी से ज्यादा मत प्राप्त किए थे। सर्वाधिक 59.02 फीसदी वोट अलवर लोकसभा सीट से कांग्रेस के भंवर जितेंद्र सिंह को मिले थे। 2009 में बीजेपी के जिन चार नेताओं ने चुनाव जीता था। उनमें से कोई भी 50 फीसदी वोट हासिल नहीं कर सका।
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव देश में नरेंद्र मोदी की लहर चली। भाजपा ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री का चेहरा घोषित किया था। ना केवल राजस्थान में बल्कि देश के कई राज्यों नरेंद्र मोदी की लहर के चलते भाजपा के वोट शेयर में भारी बढ़ोतरी हुई।
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की ऐसी सुनामी चली की कांग्रेस के सभी दिग्गज नेता धराशायी हो गए। राजस्थान की सभी 25 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी। 25 में से 18 लोकसभा सीटों पर बीजेपी को 50 फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भी पीएम नरेंद्र मोदी की लहर का प्रभाव रहा। राजस्थान में लगातार दूसरी सभी 25 लोकसभा सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की।
नागौर लोकसभा सीट को बीजेपी ने आरएलपी के लिए छोड़ दिया था जहां से हनुमान बेनीवाल सांसद बने थे। शेष 24 सीटों पर बीजेपी के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की।
24 में से 23 लोकसभा सीटों पर बीजेपी के प्रत्याशियों ने 50 फीसदी से ज्यादा मतों से जीत दर्ज की। 12 लोकसभा सीटों पर तो बीजेपी के प्रत्याशियों ने 60 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल करने के साथ ही भाजपा ने प्रचंड जीत दर्ज की।
वहीं लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बीजेपी का दावा है कि वो राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करेगी। पिछली बार से ज्यादा के अंतर से जीत का दावा दर्ज किया जा रहा है।
उधर कांग्रेस ने चार पांच लोकसभा सीटों पर चुनाव को त्रिकोणीय बना दिया है। सीकर, नागौर और बांसवाड़ा सीट पर कांग्रेस ने अन्य दलों से गठबंधन किया है जबकि बाड़मेर से दमदार प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारा है।
कांग्रेस को उम्मीद है कि इस बार वे 8 से 10 सीटों पर जीत दर्ज करेगी। चुनाव परिणाम किसके
पक्ष में जाएगा। इसका खुलासा 4 जून को ही हो पाएगा।