राहत की बात : प्रदेश में मिले मंकीपॉक्स के संदिग्ध मरीज की रिपोर्ट आई नेगेटिव

प्रदेश में मंकीपॉक्स का पहला संदिग्ध केस सामने आया है। मरीज को किशनगढ़ से 31 जुलाई की रात जयपुर रैफर किया गया। सैंपल जांच के लिए भेजा तो रिपोर्ट नेगेटिव आई है। यह राजस्थान के लिए राहत की बात है।
राहत की बात : प्रदेश में मिले मंकीपॉक्स के संदिग्ध मरीज की रिपोर्ट आई नेगेटिव
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विश्वभर मंकीपॉक्स धीरे-धीरे अपने पैर पसार रहा है। इस वायरस की दुनियाभर के 75 देशों में पुष्टि हो चुकी है। भारत में ऐसे 5 मामलें सामने आ चुके है। एक संदिग्ध मामला राजस्थान में सामने आया। लेकिन मरीजा के सैंपल की रिपोर्ट नेगेटिव आई, जो कि राहत की बात है।

किशनगढ़ में मिले संदिग्ध मरीज को 31 जुलाई की रात जयपुर के लिए रैफर किया गया था। जयपुर में उसे आरयू्एचएस अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। अधीक्षक डॉ. अजीत सिंह ने बताया कि मरीज के शरीर पर दाने नजर आ रहे थे। 1 अगस्त को सुबह सैंपल जांच के लिए भेजे गए, जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आ गई। डॉ. सिंह ने बताया कि 20 वर्षीय मरीज किशनगढ़ से 31 जुलाई को रात रैफर होकर यहां आया था।

यूं फैलता है यह वायरस

यह जानवरों में होने वाला वायरस है। किसी संक्रमित जानवर के संपर्क में आने से यह इंसान तक पहुंचता है और फिर इंसान से यह दूसरे इंसान और फिर कम्यूनिटी स्तर पर फैल सकता है। वायरस मरीज के जख्म से निकल कर आंख, नाक और मुंह के जरिए दूसरे इंसान तक पहुंच सकता है। यह कुत्ते, बिल्ली, बंदर जैसे जानवरों के संपर्क में आए बेडस, कपड़े से भी फैल सकता है। एक संक्रमित इंसान के बहुत करीब जाने, हाथ मिलाने से यह फैल सकता है। सेक्स करने और किस करने पर भी यह वायरस फैल सकता है।

राहत की बात : प्रदेश में मिले मंकीपॉक्स के संदिग्ध मरीज की रिपोर्ट आई नेगेटिव
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