राजस्थान कांग्रेस में एक बार पहले ही बुझी कलह की आग एक बार फिर सुलगने लगी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सचिन पायलट पर सियासी हमले के बाद गहलोत खेमे ने पायलट पर हमले की झड़ी लगा दी। पायलट चुप हैं लेकिन उनके खेमे के नेता मैदान में आ गए हैं। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ट्वीट भी किया और पायलट को जहरीला नीलकंठ बताया। कृष्णम ने अपने ट्वीट में लिखा कि नीलकंठ का अभिषेक श्रावण मास में किया जाता है। आचार्य प्रमोद कृष्णम के इस ट्वीट के बाद राजस्थान में सियासी पारा चढ़ गया है।
इससे पहले शहरी विकास मंत्री शांति धारीवाल ने कहा गहलोत ने जो गलत कहा क्या गलत था, सरकार गिराने में दोनों यानी शेखावत-पायलट की मिलीभगत थी। दरअसल, राजस्थान में गहलोत-पायलट के बीच आग तब लगी जब राहुल गांधी ने चार दिन पहले दिल्ली में कांग्रेस कार्यालय में ईडी की पूछताछ से आने के बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि उनमें धैर्य है। जैसे सचिन पायलट के पास है।
इस कार्यक्रम से जयपुर लौटने के बाद गहलोत ने पायलट पर हमला कर दिया। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के बयान को पलटते हुए गहलोत ने पायलट पर निशाना साधा। गहलोत ने कहा कि शेखावत के बयान से साफ है कि दो साल पहले उनकी सरकार गिराने में सचिन पायलट की मिलीभगत थी।
बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने बयान जारी किया
राठौड़ ने कहा कि अगर गहलोत के पास सबूत हैं तो सरकार गिराने की साजिश में दर्ज तीन मामलों में उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जाती? बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने बयान जारी कर कहा कि गहलोत के बयान से साफ है कि पंजाब और गुजरात के बाद कांग्रेस में फूट पड़ गई है।