लोकसभा चुनाव के पहले गुंजल के बगावती सुर, 'याचना नहीं अब रण होगा, संघर्ष महाभीषण होगा'

लोकसभा चुनाव से पहले दल बदल का दौर शुरू हो चुका है। इसी के साथ ही ऐसे कयास लगाए जा रहे है कि भाजपा के एक दिग्गज नेता कांग्रेस का हाथ थाम सकते है।
लोकसभा चुनाव के पहले गुंजल के बगावती सुर, याचना नहीं अब रण होगा, संघर्ष महाभीषण होगा
लोकसभा चुनाव के पहले गुंजल के बगावती सुर, याचना नहीं अब रण होगा, संघर्ष महाभीषण होगा
Updated on

लोकसभा चुनाव से पहले दल बदल का दौर शुरू हो चुका है। इसी के साथ ही ऐसे कयास लगाए जा रहे है कि भाजपा के एक दिग्गज नेता कांग्रेस का हाथ थाम सकते है।

जब कोई बड़ा नेता एक पार्टी को छोड़कर दूसरे में शामिल होता है तो इसका हर्जाना पार्टी को ही भरना पड़ता है। ऐसा ही कुछ भाजपा के साथ भी देखने को मिल रहा है।

अभी तक जो पार्टी अन्य दलों के नेताओं को अपने साथ शामिल करने में कामयाब हो रही थी अब उसे राजस्थान के चूरू के बाद हाड़ौती से एक बड़ा झटका मिल सकता है।

राहुल कस्वां ने ज्वाइन किया बीजेपी

हाल ही में चूरू सांसद राहुल कस्वां ने बीजेपी छोड़ कर कांग्रेस ज्वाइन कर लिया है। जिसके बाद उत्तर कोटा के पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल के कांग्रेस में शामिल होने की आशंका जताई जा रही थी।

इन अफवाहों को बल तब मिला जब गुंजल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से 'मोदी का परिवार' हटाकर "याचना नहीं अब रण होगा, संघर्ष महाभीषण होगा" लिख दिया। इसके बाद से सियासी घमासान मच गया है।

बीजेपी को उठाना पड़ सकता है नुकसान

कांग्रेस के सूत्रों की माने तो आने वाले दिनों में गुंजल शीर्ष नेताओं की मौजूदगी में दिल्ली में पार्टी ज्वाइन कर सकते है और उनके कोटा बूंदी सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा की जा सकती है।

आप को बता दें कि बीजेपी भी अपने इस नुकसान की भरपाई करने के लिए नयी- नयी योजनाएं बना रही है। मंगलवार को सीएम भजनलाल ने जोधपुर के 9 लोकसभा कलस्टर की बैठक की और पूर्व सांसद मानवेंद्र सिंह से 10 मिनट तक मंत्रणा की।

जिसके बाद मानवेंद्र की कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वाइन करने की खबरें सामने आ रही है। इससे पहले सीएम ने शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी से भी अपने चार्टर प्लेन में चर्चा की थी।

logo
Since independence
hindi.sinceindependence.com