Rajasthan Politics Crisis: राजस्थान कांग्रेस में संकट गहरता जा रहा है। कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने सीएम अशोक गहलोत और पार्टी हाईकमान को 30 मई तक का अल्टीमेटम दे दिया है। पायलट ने 15 दिन का वक्त देते हुए कहा है कि अगर उनकी मांगों पर एक्शन नहीं हुआ तो उसके बाद वो पूरे राजस्थान में बड़ा आंदोलन करेंगे।
सचिन पायलट ने राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को 15 दिन का वक्त दिया है। इनडायरेक्ट तरीके से ये टाइम दिल्ली में कर्नाटक के सीएम के मसले पर उलझी कांग्रेस हाईकमान को दिया गया है।
सचिन पायलट ने साफ कर दिया है कि मई का महीना पूरा होने से पहले हाईकमान अपना फैसला ले ले। हालांकि कोई भी बात सचिन पायलट ने सीधे-सीधे नहीं कही।
वसुंधरा राजे सरकार के करप्शन की जांच के लिए हाई लेवल कमीशन बने।
जिस राजस्थान सेवा चयन आयोग के पेपर लीक हुए हैं, उस कमीशन को रिकॉन्स्टीट्यूट किया जाए।
परीक्षा में बैठने वाले स्टूडेंट्स का जो नुक़सान हुआ है, उनको हर्ज़ाना दिया जाए।
बता दें कि सचिन पायलट राजस्थान में अपनी ही सरकार के खिलाफ पदयात्रा कर रहे थे। पदयात्रा के आखिरी दिन अच्छी खासी भीड़ जुटी। इसी भीड़ के जोश में पायलट के समर्थकों ने उन्हें कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित करने की मांग कर दी। लेकिन पायलट अपनी रणनीति से नहीं हटे। पायलट ने गहलोत सरकार और पार्टी हाई कमान को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि एक्शन नहीं हुआ तो तो वो पूरे राज्य में बड़ा आंदोलन छेड़ेंगे।
सचिन पायलट तो वसुंधरा सरकार पर करप्शन का आरोप लगा रहे थे, लेकिन, उनके समर्थकों ने सीधे अशोक गहलोत और उनके क़रीबी मंत्रियों पर ही करोड़ों के भ्रष्टाचार का इल्ज़ाम लगा दिया। अशोक गहलोत की सरकार में मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि राजस्थान सरकार ने भ्रष्टाचार की सारी सीमाएं तोड़ दी हैं। उनके पास इस बात के सबूत हैं कि गहलोत ने बीजेपी के विधायकों को खरीदने के लिए बीस-बीस करोड़ दिए थे।