Rajasthan: जयपुर बम ब्लास्ट केस के चारों दोषी बरी, मिली थी फांसी की सजा; कहां हुई चूक?

Rajasthan: जयपुर बम ब्लास्ट केस में जिन 4 दोषियों को निचली अदालत से फांसी मिली थी वे HC से बरी हो गए। इस सीरियल बम ब्लास्ट में 71 लोगों की मौत हो गई थी।
Rajasthan: जयपुर बम ब्लास्ट केस के चारों दोषी बरी, मिली थी फांसी की सजा; कहां हुई चूक?

Rajasthan: राजस्थान की हाईकोर्ट ने जयपुर में हुए सीरियल ब्लास्ट के मामले में सभी 4 दोषियों को बरी कर दिया है। अदालत ने इस मामले में डेथ रेफरेंस सहित दोषियों की ओर से पेश 28 अपीलों पर फैसला सुनाया है। बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने दोषियों की अपील को मंजूर करते हुए उनके पक्ष में राहत भरा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने मामले के दोषी एक नाबालिग का मामला किशोर बोर्ड को भेजा है। बाकी सभी अभियुक्तों को बरी कर दिया गया।

2019 में निचली अदालत ने इस मामले में आरोपी शाहबाज हुसैन को बरी किया था। वहीं मोहम्मद सैफ, सरवर आजमी, सैफुर्रहमान और एक नाबालिग को दोषी करार दिया था। जानकारी के मुताबिक पांचों आरोपी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं।

इस मामले पर सुनवाई के दौरान जस्टिस पंकज भंडारी और समीर जैन की खंडपीठ ने कहा कि जांच अधिकारी को कानूनी ज्ञान नहीं है। इसलिए जांच अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई के निर्देश डीजीपी को दिए गए हैं। कोर्ट ने मुख्य सचिव को जांच अधिकारियों से जांच कराने को भी कहा है।

बता दें कि बरी किए गए चारों आरोपियों को विशेष अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी। 13 मई 2018 को जयपुर में अलग-अलग इलाकों में हुए आठ बम धमाकों में 71 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 176 लोग घायल हुए थे। Since Independence पर जानें पूरा मामला।

2008 में दहल उठा था जयपुर

दरअसल 13 मई 2008 में हुए इस सीरियल बम ब्लास्ट के बाद राजस्थान सरकार ने आरोपियों को पकड़ने के लिए एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाड़ (एटीएस) का गठन किया था। इस मामले में जयपुर के चांदपोल हनुमान मंदिर, सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर समेत कई जगहों पर मात्र 12 मिनट में 8 बम धमाके हुए थे। इस मामले में 71 लोगों की जान गई थी और करीब 176 लोग घायल हुए थे।

क्या है जयपुर सीरियल ब्लास्ट?

आपको बता दें कि राजस्थान की राजधानी जयपुर में 13 मई 2008 को सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे। अलग-अलग जगहों पर 8 सिलसिलेवार धमाकों से पुरा जयपुर ही दहल उठा था। जयपुर ब्लास्ट मामले में एटीएस ने 11 आतंकियों को नामजद किया था।

इस मामले में पांच आरोपियों को एटीएस राजस्थान ने गिरफ्तार कर लिया था। वहीं हैदराबाद पुलिस ने इस मामले से जुड़े दो आंतकियों को गिरफ्तार किया था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने भी एक आतंकी को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की थी। वहीं तीन आरोपी लंबे समय तक फरार रहे जबकि दो आरोपियों की मौत हो चुकी है।

सजा सुनाने वाले जज ने बताया था जान को खतरा

जयपुर बम ब्लास्ट मामले में दोषियों को फांसी की सज़ा सुनाने वाले जज अजय कुमार शर्मा ने डीजीपी भूपेंद्र सिंह को पत्र लिखकर अपनी और परिवार की जान को खतरा बताया था। पत्र में रिटायर्ड जज शर्मा ने कहा है, आईबी की रिपोर्ट के अनुसार मुझे और मेरे परिवार से आतंकी ग्रुप कभी भी बदला ले सकते हैं। मुझे सूचना मिली है कि मुझे दी गई सुरक्षा को हटाया जा रहा है। मुझे दी गई सुरक्षा को जारी रखा जाए।

पत्र में शर्मा ने कहा, ' मेरे घर में शराब की खाली बोतलें फेंकी गई हैं। कई दिनों से मोटरसाइकिल सवार संदिग्ध लोग घर के बाहर चक्कर लगाते नजर आए हैं। उन्होंने घर के बाहर की फोटो भी खींची। ये आतंकी ग्रुप बहुत खतरनाक हैं। जज ने अपने पत्र में लिखा है कि क्या यह मेरा कसूर है कि मैंने चार खूंखार आतंकवादियों को फांसी की सज़ा दी।

जिस कलम से दिया फैसला उसे बार एसो. को सौंपा

अपनी सेवानिवृत्ति के मौके पर जज अजय कुमार शर्मा प्रथम ने दी बार एसोसिएशन जयपुर की ओर से आयोजित किए समारोह में उस कलम (Pen) को बार को सौंप दिया, जिससे उन्होंने बम ब्लास्ट के गुनाहगारों को फांसी की सजा सुनाई थी।

Rajasthan: जयपुर बम ब्लास्ट केस के चारों दोषी बरी, मिली थी फांसी की सजा; कहां हुई चूक?
Rajasthan Health Bill: सरकार की ढिलाई मरीजों को पड़ रही भारी; डॉक्टरों की हट पर एक्शन कब?

Related Stories

No stories found.
logo
Since independence
hindi.sinceindependence.com