Rajasthan News: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पर्यटन के क्षेत्र में कोटा को एक और सौगात दी है। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने बूढ़ादीत के सूर्य मंदिर को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए चुना है। मंत्रालय ने राजस्थान सरकार के पर्यटन विभाग को पत्र लिखकर इसके लिए डीपीआर बनाने के निर्देश दिए हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का मानना है कि कोटा समेत संपूर्ण हाड़ौती क्षेत्र गौरवशाली विरासत से समृद्ध है।
लोकसभा अध्यक्ष ने केंद्र सरकार के पर्यटन मंत्रालय को कोटा-बूंदी के अनेक ऐतिहासिक स्थलों की जानकारी देकर वहां विभिन्न योजनाओं के तहत विकास करवाने को कहा है। इसी के तहत बूढ़ादीत के सूर्य मंदिर को केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने प्रसाद योजना के तहत धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। इस मंदिर का विकास होने पर यह विरासत बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करेगी।
कोटा से करीब 55 किलोमीटर दूर बूढ़ादीत में स्थित सूर्य मंदिर नागर शैली में बना हुआ है। यह एक हजार से अधिक वर्ष पुराना है। मंदिर का निर्माण किसने करवाया इसकी कोई जानकारी नहीं है, लेकिन ढलते हुए सूर्य के प्रतीक बूढ़-आदित्य के कारण ही इस जगह का नाम बूढ़ादीत पड़ा। नागर शैली में बना यह मंदिर झालरापाटन के सूर्य मंदिर से भी पुराना है। अभी इसका संरक्षण राजस्थान पुरातत्व विभाग द्वारा किया जा रहा है। मंदिर के पास एक कुंड भी है, जो उसी समय का है।
ओम बिरला के प्रयासों से ही केशवराय पाटन स्थित भगवान केशवराय के मंदिर को भी धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। वहीं चंबल नदी के किनारे को भी रिवर फ्रंट के रूप में विकसित किया जाएगा। इसका डीपीआर तैयार हो गया है, जल्द ही वहां काम शुरू हो जाएगा।