
राजस्थान में बदमाशों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। दिनदहाड़े हो रही घटना से पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। उदयपुर में बजरंग दल के पदाधिकारी राजू परमार की हत्या का मामला सेंट्रल जेल से जुड़ा हुआ लग रहा है। पुलिस भी इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। फिलहाल एक आरोपी को पुलिस के हवाले कर दिया गया है और उसकी भूमिका सुपारी किलर के रूप में सामने आई है।
कोटपूतली निवासी विजय मीणा को संभवत: प्रीतम उर्फ बंटी ने इस काम में लगाया था। पुलिस ने पिछले कुछ दिनों से लगातार छापेमारी कर विजय मीणा को गिरफ्तार कर लिया है और उसके पास से हत्या में प्रयुक्त तमंचा भी बरामद कर लिया है।
विजय मीणा ने मृतक राजू परमार के सिर में 3 गोलियां मारी थीं, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि विजय मीणा ने राजू परमार को कोई लालच देकर मरवाया गया है।
अंबामाता थाना क्षेत्र में राजू परमार की गोली मारकर हत्या के बाद से इसके कनेक्शन सेंट्रल जेल से भी जुड़ रहे थे। पहले से ही यह संभावना जताई जा रही थी कि दिलीप नाथ नाम का आदतन अपराधी सेंट्रल जेल में बैठकर हत्या की साजिश रच रहा है। जानकारी के अनुसार दिलीप नाथ और राजू परमार के बीच संपत्ति को लेकर विवाद हो सकता है और उसी के चलते दिलीप नाथ ने जेल में रहते हुए अपने गुर्गों से राजू परमार की हत्या करवा दी।
पुलिस भी इस संभावना से इंकार नहीं कर रही है और इसी के चलते जेल में तलाशी अभियान चलाया गया, जहां से पुलिस को 6 मोबाइल फोन मिले हैं। अब इस बात की जांच की जा रही है कि कहीं जेल में बैठकर दिलीप नाथ इसी मोबाइल फोन के जरिए जेल के बाहर अपना गिरोह संचालित करता था या नहीं।
राजू परमार की हत्या के बाद पुलिस को मिले सीसीटीवी फुटेज के आधार पर प्रीतम उर्फ बंटी की पहचान पहले ही हो चुकी थी, लेकिन उसके साथ कौन था, यह पता नहीं चल सका है। ऐसे में पुलिस टीम को काफी मशक्कत करनी पड़ी और काफी जद्दोजहद के बाद विजय मीणा को गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि प्रीतम अभी फरार है और पुलिस इस मामले में शामिल सभी लोगों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है।