Bhajanlal government: कांग्रेस सरकार द्वारा विधानसभा चुनावों से पहले प्रदेश में 17 जिले बनाए जाने पर अफसरों ने आपत्तियां करना शुरू कर दिया है। दरअसल, सरकार ने ऐसे जिले भी बना दिए है, जहां पर केवल तीन ही पुलिस थाने है। खास बात है कि पुलिस सर्किल और उपखंड मुख्यालय भी नाममात्र के है। ऐसे में अब सरकार का वित्तीय भार तो बढ़ेगा ही, साथ में आधारभूत संसाधनों की भी कमी रहेगी।
सूत्रों का दावा है कि पुलिस मुख्यालय और सचिवालय में बैठने वाले प्रशासनिक अधिकारियों ने कुछ जिलों को लेकर सरकार के सामने आपत्ति रखी है। ऐसे में 17 में से 7 जिलों को फिर से विलय किया जा सकता है। इसको लेकर सरकार द्वारा अफसरों के साथ मिलकर मंथन किया जा रहा है। पुलिस के नए जिले बनने से पहले 40 जिले थे, लेकिन अब पुलिस के ही 57 जिले हो गए हैं।
पड़ताल में सामने आया कि नए बने जिलों में एसपी ऑफिस, एडिशनल एसपी ऑफिस व डिप्टी एसपी के ऑफिस के लिए बिल्डिंग बनेगी। इसी प्रकार कलेक्ट्रेट समेत अन्य विभागों के ऑफिस भी बनना प्रस्तावित है। खास बात है कि आईपीएस, आरपीएस, आईएएस व आरएएस के लिए सरकारी बंगले और पुलिस लाइन समेत अन्य भवन बनने हैं। इससे सरकार पर वित्तीय भार बढ़ेगा। भवन के अलावा जिलों में सभी विभागों के आधारभूत संसाधनों की जरूरत पड़ेगी। इससे करोड़ों रुपए का भार बढ़ेगा।
अजमेर रेंज के केकड़ी, भरतपुर रेंज के गंगापुर, बीकानेर रेंज के अनुपगढ़, जयपुर रेंज के दूदू व खैरथल, जोधपुर रेंज के फलौदी व बलोतरा, पाली रेंज के सांचोर व उदयपुर रेंज के सलूंबर जिले का विलय किया जा सकता है। क्योंकि इन जिलोेंं में पुलिस थाने नाममात्र के है। दूदू जिले में तो तीन ही पुलिस थाने हैं। ऐसे में तीन थानों पर भारी-भरकम पुलिस लवाजमा लगाना पुलिस मुख्यालय के लिए सिरदर्द बन गया है। इसी प्रकार खैरथल में 5 पुलिस थाने, सांचोर में 5 और केकड़ी, अनूपगढ़, गंगापुर व फलौदी में 9-9 पुलिस थाने ही है।
विधानसभा चुनाव से पहले केकड़ी, शाहपुरा, डीडवाना, ब्यावर, डीग, गंगापुर, अनूपगढ़, दूदू, खैरथल, कोटपूतली-बहरोड़, नीम का थाना, फलौदी, बालोतरा, सांचोर व सलूंबर को जिला बनाया था। इन जिलों की सीमाओं का निर्धारण भी हो चुका है। ज्यादातर पुलिस अधिकारी इन जिलों में से सात जिलों में तो पोस्टिंग भी नहीं लेना चाहते हैं।