Rajasthan Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बीजेपी ने अपने बड़े चेहरों को चुनावी मैदान में पूरी तैयारी के साथ उतरना शुरू कर दिया है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस अपने बड़े चेहरों को चुनावी मैदान में उतारने से कतरा रही है या यूं कहें कोंग्रेस के बड़े नेता बीजेपी के उम्मीदवारों के सामने चुनावी रण में नहीं उतरना चाहते।
2014 के बाद राजस्थान में 25 की 25 लोकसभा सीटें लगातार भाजपा की झोली में गई हैं। इस बार भी राजस्थान की 25 सीटों पर बीजेपी का पलड़ा भारी नजर आ रहा है।
हाल ही में बीजेपी ने अपने 15 उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा है, जिसमें बीजेपी की तरफ से बड़े चेहरे कोटा से ओम बिरला, चित्तौड़गढ़ से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, अलवर से केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, बीकानेर से केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, जोधपुर से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत मैदान में हैं।
उधर कांग्रेस ने भी 10 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है लेकिन 2024 के चुनावी रण में कांग्रेस का एक भी बड़ा चेहरा चुनावी मैदान में दम भरता नजर नही आ रहा है। पहले चर्चाएं थी कि गजेंद्र सिंह शेखावत के सामने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जोधपुर से चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन अंतिम वक्त पर अशोक गहलोत ने अपने बेटे को जालौर से टिकट दिलवा दिया और खुद चुनावी मैदान में आने से बच गए। सचिन पायलट की भी चर्चा थी कि वो टोंक सवाई माधोपुर सीट पर चुनाव लड़ सकते है लेकिन वहां से कांग्रेस ने हरीश मीणा को चुनावी मैदान में उतारा है।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के सामने चित्तौड़गढ़ से किसी बड़े कांग्रेसी नेता को सामने लाने की तैयारी थी लेकिन वहां भी गहलोत सरकार में मंत्री रहे उदयलाल आंजना को मैदान में उतारा गया है।
सीकर लोकसभा सीट से पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के लड़ने की संभावनाएं बेहद ज्यादा थी, लेकिन वहां अभी कम्युनिस्ट पार्टी से एलायंस की चर्चाएं तेज है। यानी वहां भी कांग्रेस का कोई बड़ा चेहरा नजर नहीं आने वाला। अलवर में मोदी के मंत्री भूपेंद्र यादव के सामने कांग्रेस के बड़े नेता भंवर जितेंद्र सिंह को सामने लाने की तैयारी थी, लेकिन वहां भी उनके सामने कांग्रेस के विधायक ललित यादव चुनावी मैदान में है।
राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों पर नजर बनाए हुए भाजपा ने अपने 15 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतार दिए हैं, जिसमें सात बड़े चेहरे शामिल है। उधर कांग्रेस ने 25 सीटों में से महज 10 पर ही अपने उम्मीदवार उतारे हैं लेकिन बड़े चेहरे गायब है फिर चाहे वह अशोक गहलोत हो, सचिन पायलट हो, सीपी जोशी हो, गोविंद सिंह डोटासरा हो या फिर भंवर जितेंद्र सिंह। ऐसे में कयास यही लगाए जा रहे है कि कांग्रेस की अगली सूची में भी कोई बड़ा नाम नही आने वाला।
वहीं भाजपा के दिग्गज नेता राजेंद्र राठौड़ ने कांग्रेस के बड़े नेताओं के चुनाव में ना उतरने को लेकर कहा कि कांग्रेस से डूबता जहाज है, उसकी सवारी कोई नहीं करना चाहता। बाकी बचे हुए नेता बीजेपी के उम्मीदवारों के सामने आना नहीं चाहते क्योंकि वह अपने माथे पर हार का कलंक नही लगवाना चाहते। देश में मोदी के राज में जो काम हुए हैं और 2014 के बाद जो बदलाव आए हैं हम दावे के साथ कह सकते हैं कि हम राजस्थान में 25 की 25 सीट जीतेंगे। कांग्रेसी आपस में लड़ती है, बीजेपी से लड़ने या उनके उम्मीदवारों के सामने आने का समय उनके पास नहीं है।