विधानसभा चुनाव के पहले दल बदल राजनीति देखने को मिल रही है। राजस्थान में 25 विधानसभा सीटें ऐसी है।
जहां प्रत्याशियों ने पर्चा भरने के बाद नाम वापल ले लिया है और कांग्रेस बीजेपी के समर्थन में पार्टी बदल ली है। ऐसे में समीकरण बदलने से कांग्रेस या भाजपा प्रत्याशियों को मजबूती मिली है।
सबसे ज्यादा दल बदल बहुजन समाज पार्टी व राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रत्याशियों ने किया है। बसपा के 11 और आरएलपी के 3 प्रत्याशी नामांकन वापस ले चुके हैं या अन्य प्रत्याशियों को समर्थन दे चुके हैं।
बाड़मेर में तो आरएलपी ने निर्दलीय प्रत्याशी प्रियंका चौधरी को समर्थन दे दिया। प्रत्याशी जोगाराम डूडी ने नामांकन वापस नहीं लिया तो पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया। तिजारा में बसपा के हेमकरण भाजपा के पक्ष में आ गए।
हवामहल : बसपा प्रत्याशी तरुषा पाराशर ने नाम वापस लिया, भाजपा में शामिल हो गईं। आप प्रत्याशी पप्पू कुरैशी चुनाव प्रक्रिया के बीच कांग्रेस में शामिल हो गए। तरुषा से भाजपा प्रत्याशी बालमुकुंद आचार्य व पप्पू से कांग्रेस प्रत्याशी आरआर तिवाड़ी को फायदा होगा।
उदयपुरवाटी : पिछली बार बसपा के राजेंद्र गुढ़ा जीते थे, जो इस बार शिवसेना से मैदान में हैं। बसपा प्रत्याशी संदीप सैनी ने कांग्रेस प्रत्याशी भगवान राम सैनी को समर्थन दे दिया। इससे कांग्रेस को संबल मिला है।
बीकानेर पश्चिम : आरएलपी प्रत्याशी अब्दुल माजिद खोखर ने कांग्रेस प्रत्याशी बीडी कल्ला के समर्थन में नाम वापस ले लिया।
सांगानेर : बसपा प्रत्याशी रामलाल चौधरी नाम वापस लेकर वापस कांग्रेस में शामिल हो गए। यहां कांग्रेस से पुष्पेंद्र भारद्वाज व भाजपा से भजनलाल शर्मा मैदान में हैं।
सिविल लाइंस : बसपा प्रत्याशी अरुण चतुर्वेदी ने कांग्रेस के प्रताप सिंह खाचरियावास के समर्थन में नाम वापस ले लिया।
सरदारशहर : आरएलपी प्रत्याशी लालचंद मूंड ने पार्टी से पूछे बिना ही नाम वापस लेकर निर्दलीय राजकरण चौधरी को समर्थन दे दिया। यहां कांग्रेस से अनिल शर्मा, भाजपा से राजकुमार रिणवा प्रत्याशी हैं।
दांतारामगढ़ : आरएलपी प्रत्याशी महावीर प्रसाद बिजारणिया ने नाम वापस लेकर कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह को समर्थन दिया है। यहां रोचक मुकाबले में वीरेंद्र की पत्नी रीटा जेजेपी से चुनाव मैदान में हैं। सीपीएम से अमराराम और भाजपा से गजानंद कुमावत चुनाव लड़ रहे हैं।