Congress Leaders Joining BJP in Rajasthan: राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस से नाराज कई नेता और समर्थक बीजेपी में शामिल होकर बीजेपी का कुनबा बढ़ा रहे हैं। इससे एक ओर जहां कांग्रेस कमजोर हो रही है, वहीं भाजपा को बुस्ट मिल रहा है। हाल ही शामिल हुए कुछ राजपूत और जाट नेता तो इतने कद्दावर हैं कि उनका अपना खासा वजूद है।
अब 2018 में कांग्रेस से टिकट कटने से बाद निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले पृथीपाल सिंह संधु के भाजपा में शामिल होने और उन्हें टिकट दिए जाने के कयास लगाए जा रहे हैं। पृथीपाल सिंह संधु कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष रहे हैं।
पिछली बार कांग्रेस से टिकट कटने के बाद निर्दलीय उम्मीदवार पृथीपाल सिंह संधु ने श्रीकरणपुर में बुधवार को अपने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के दौरान 'जय श्रीराम' का नारा लगाया। इस नारे के कई मायने निकाले जा रहे हैं। राजनीतिक पंडित इसे भाजपा में शामिल होने का इशारा बता रहे हैं। सियासी गलियारों में इसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। पृथीपाल सिंह संधु कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष रहे हैं।
दिवंगत लोकेंद्र सिंह कालवी और मध्यकालीन मेवाड़ राजा महाराणा प्रताप के वंशज विश्वराज सिंह मेवाड़ 18 अक्टूबर को बीजेपी में शामिल हुए। दोनों नेता राजपूत समुदाय से हैं और अपने समाज में काफी पेठ रखते हैं।
पूर्व विधायकों और एक सेवानिवृत्त राज्य पुलिस प्रमुख सहित 16 लोग 12 अगस्त को भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हुए। शामिल होने वालों में पूर्व विधायक मोतीलाल खरेरा, अनिता कटारा, गोपीचंद गुर्जर, सेवानिवृत्त न्यायाधीश किशन लाल गुर्जर, मध्य प्रदेश के पूर्व डीजीपी पवन कुमार जैन, कांग्रेस नेता मृदुरेखा चौधरी के नाम प्रमुख हैं।
कांग्रेस से पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया, रिटायर्ड IPS अफसर रामदेव खैरवा और राजस्थान यूनिवर्सिटी के NSUI से पूर्व छात्र संघ महासचिव रहे नरसी किराड़ ने 19 मई को बीजेपी ज्वाइन की।
इससे पहले सरदारशहर विधानसभा उपचुनाव की जनसभा के दौरान कांग्रेस पार्टी से दो बड़े नेता राजकुमार रिणवां और जयदीप डूडी बीजेपी में शामिल हो गए थे। रिणवां पिछली वसुंधरा सरकार में मंत्री रह चुके हैं। जबकि डूडी पूर्व संसदीय सचिव रहे हैं। राजकुमार रिणवां की कांग्रेस से बीजेपी में घर वापसी हुई थी।