Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव की रणभेरी आचार संहिता के साथ ही बज चुकी है। माना जा रहा था कि भाजपा इस बार गठबंधन में शीट शेयरिंग के फॉर्मूले के साथ चुनाव लड़ सकती है, लेकिन अब परिस्थितियां कुछ अलग हो चुकी है। अब भाजपा प्रदेश की सभी 200 सीटों पर बिना गठबंधन के चुनाव लड़ेगी। भाजपा पहली सूची में 41 प्रत्याशियों की घोषणा भी कर चुकी।
इसी बीच भाजपा से जुड़े विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि इस बार भी पार्टी अकेले ही 200 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। यानी एनडीए के किसी भी घटक दल के साथ राजस्थान में भाजपा गठबंधन नहीं करेगी। उदयपुरवाटी से विधायक राजेंद्र गुड़ा शिवसेना के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा था कि शिवसेना और भाजपा का केंद्रीय स्तर पर जिस तरह से गठबंधन है, उसी तर्ज पर राजस्थान में भी सीट शेयरिंग होगी, लेकिन वहां पर भाजपा ने शुभकरण चौधरी को अपना प्रत्याशी बनाया है। इससे साफ है कि पार्टी अकेले ही अपने दम पर राजस्थान में चुनाव लड़ेगी।
बता दें कि एनडीए के घटक दल जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) भी राजस्थान के चुनाव में ताल ठोक चुकी है। हरियाणा में बीजेपी और जेजेपी का गठबंधन है। वहां मनोहर लाल खट्टर बीजेपी से सीएम है तो जेजेपी के दुष्यंत चौटाला उप मुख्यमंत्री है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पृथ्वी मील ने कहा कि पार्टी 30 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। गौरतलब है कि जेजेपी ने फतेहपुर और दातारामगढ़ से चुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों का नाम लगभग तय कर लिया है, लेकिन इसी बीच भाजपा ने दोनों ही सीटों पर अपने कैंडिडेट उतार दिए हैं। जिसे देखकर लगता है कि जेजेपी और भाजपा का भी गठबंधन नहीं होगा।
बता दें कि राजस्थान के चर्चित लाल डायरी प्रकरण से जुड़े बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा की करीब दो माह पहले शिवसेना में एंट्री हुई थी। इस दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे उदयपुरवाटी में आयोजित हुए कार्यक्रम में पहुंचे थे। इस मौके पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुढ़ा को पार्टी ज्वाइन करवाई। साथ ही राजेंद्र सिंह गुढ़ा को शिव सेना के राजस्थान प्रदेश इकाई का समन्वयक का नियुक्ति पत्र प्रदान किया। गुढ़ा ने कहा था कि वे राजस्थान की राजनीति को बदलेंगे। वहीं, शिंदे ने कहा कि हम विकास के लिए राजस्थान में काम करेंगे, लेकिन उन्होंने यह साफ नहीं किया कि शिवसेना अकेले ही राजस्थान में चुनाव लड़ेगी या फिर एनडीए के तहत भाजपा के साथ मिलकर चुनाव मैदान में उतरेगी।