Rajasthan Assembly Election Exit Poll: राजस्थान के एग्जिट पोल में जातिगत समीकरण के अलावा सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच चल रही गुटबाजी का भी असर दिख रहा है। कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका सचिन पायलट के इलाके ढूंढाड़ में लग सकता है। 2018 के चुनाव में ढूंढाड़ की 32 विधानसभा सीटों में से गत चुनाव में कांग्रेस को 20 सीटें मिली थीं, जबकि इस बार के एग्जिट पोल में ढूंढाड़ में भाजपा को 25 सीटें दी गई हैं। हाड़ौती भी भाजपा पर मेहरबान है।
पिछले विधानसभा चुनाव में सचिन पायलट ने वसुंधरा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला था। इसका नतीजा रहा था कि कांग्रेस 21 सीटों से छलांग लगाकर 100 के आंकड़े पर पहुंच गई। चुनाव से पहले कांग्रेस आलाकमान ने सचिन पायलट और अशोक गहलोत के हाथ तो मिला दिए मगर दिल नहीं मिला सके। कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच पायलट और गहलोत के बीच बंटवारे का असर भी फिलहाल एग्जिट पोल के नतीजों में दिख रहा है।
भाजपा ने इससे उलट दो दशक पुरानी गुटबाजी को ठिकाने लगा दिया। चुनाव से पहले ही गुलाब सिंह कटारिया को असम का राज्यपाल बना दिया। रही-सही कसर नए नेतृत्व का संकेत देकर पूरी कर दी। राजस्थान का विधानसभा चुनाव पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लड़ा गया। 1989 के बाद यह पहला चुनाव था, जिसमें भाजपा बिना सीएम चेहरे के मैदान में उतरी।
राजस्थान में शेखावटी, मारवाड़, मेवाड़, हड़ौती और ढूंढाड़ पांच इलाके हैं। एग्जिट पोल्स के अनुसार शेखावटी, मारवाड़ और मेवाड़ में कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर है। हाड़ौती और ढूंढाड़ इलाके में भाजपा एक बार फिर कांग्रेस पर भारी पड़ रही है। कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका सचिन पायलट के इलाके ढूंढाड़ में लग सकता है।
2018 के चुनाव में कांग्रेस को गुर्जर समुदाय ने एकतरफा वोट दिया था। ढूंढाड़ की 32 विधानसभा सीटों में से गत चुनाव में कांग्रेस को 20 सीटें मिली थीं। भाजपा को सिर्फ 6 सीटों से संतोष करना पड़ा था। गुर्जरों की नाराजगी के कारण इस चुनाव में बड़े बदलाव के संकेत मिले हैं। एग्जिट पोल में ढूंढाड़ में भाजपा को 25 सीटें दी गई हैं।
हाड़ौती एक बार फिर भाजपा पर मेहरबान है। 17 विधानसभा सीट वाले हाड़ौती इलाके में वसुंधरा राजे ने अपना किला बचाए रखा है। पिछले विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी को बूंदी, बारां, झालावाड़ और कोटा इलाके में 10 सीटें मिली थीं। कांग्रेस को इस इलाके से सिर्फ 7 सीटें मिली थीं। इस चुनाव में भाजपा ने इस किले को और मजबूत किया है।