Rajasthan: गहलोत के मंत्री के बेटे का दावा- "3 दिसंबर को कांग्रेस का हो जाएगा सूपड़ा साफ"

Rajasthan Elections 2023: कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह के बेटे अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि सचिन पायलट राजस्थान के सीएम होते तो कांग्रेस सरकार का यह हाल नहीं होता।
अनिरुद्ध सिंह, फाइल फोटो
अनिरुद्ध सिंह, फाइल फोटो
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Rajasthan Assembly Election 2023: भरतपुर जिले के पूर्व राजपरिवार के सदस्य और कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह के बेटे अनिरुद्ध सिंह ने राजस्थान के चुनाव नतीजों से पहले बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि 3 दिसंबर को कांग्रेस का सूपड़ा साफ होगा, क्योंकि 5 साल में कांग्रेस ने कोई विकास का काम नहीं किया।

इसके अलावा अनिरुद्ध सिंह ने कहा, "राजस्थान में कांग्रेस का सूपड़ा साफ तो होगा ही, साथ ही जो भी राजस्थान का नया मुख्यमंत्री बनेगा उसे कुछ दिन सर पकड़ कर बैठना पड़ेगा, क्योंकि सीएम गहलोत ने राजस्थान को जीर्णशीर्ण अवस्था में छोड़ दिया है। इसको सही कैसे करना है इस पर बहुत ध्यान देना पड़ेगा।"

मुख्यमंत्री गहलोत पर साधा निशाना

मुख्यमंत्री को लेकर अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि सीएम गहलोत हर यही करते हैं काम कोई और करता है और मुख्यमंत्री ये बन जाते हैं। साल 1998 में जब ये मुख्यमंत्री बने थे तो परसराम मदेरणा को सीएम बनना था, लेकिन इन्होंने पता नहीं ऐसा क्या किया और सीएम बन गए। ऐसे ही 2008 में भी सीपी जोशी एक वोट से चुनाव हार गए। साल 2018 में सचिन पायलट पीसीसी के चीफ थे और सचिन पायलट ने काफी मेहनत की थी। इन सब चीज को खत्म करके खुद सीएम बन गए।

भरतपुर विधायक गर्ग को लेकर यह कहा

वहीं भरतपुर विधायक डॉ. सुभाष गर्ग को लेकर अनिरुद्ध सिंह ने कहा, "गर्ग ने राजस्थान में पांच साल में अपनी कुर्सी बचाने के काम करे। पेपर लीक स्कैंडल करे। करप्शन किया। अपनी जेबें भरी हैं। यहां इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है। भरतपुर में एडमिनिस्ट्रेटर फेलियर है। यहां विकास नाम की कोई चीज नहीं है। गोलियां धड़ाधड़ चल रही हैं।

दरअसल अनिरुद्ध सिंह का अपने पिता विश्वेन्द्र सिंह से कई वर्षों से झगड़ा चल रहा है और वह बीजेपी को पसंद करते हैं तो वहीं सचिन पायलट को सीएम बनाने की वकालत भी करते हैं।

'इस बार बीजेपी की है लहर'

अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि मैंने कभी भी किसी को नहीं कहा कि में विधानसभा चुनाव लड़ूंगा, जब सभी लोग चुनाव लड़ने आएंगे तो फिर धरातल पर काम कौन करेगा? इस बार बीजेपी की लहर है। अगर सचिन पायलट मुख्यमंत्री होते तो कांग्रेस का ऐसा हाल नहीं होता और सरकार रिपीट कर सकती थी। लेकिन कांग्रेस पार्टी की विनाश काले विपरीत बुद्धि है।

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