
राजस्थान प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी द्वारा हिंदू देवी-देवताओं पर भद्दी टिप्पणी करने वाला मैसेज मामला सामने आया है। आरएएस एसोसिएशन के समूह में प्रदेश के 500 से अधिक अधिकारी जुड़े थे। आरएएस को राज्य की सबसे बड़ी प्रशासनिक सेवा माना जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गुरुवार देर रात ग्रुप में इस विवादित मैसेज को फॉरवर्ड किया गया।
संदेश में हनुमानजी को वानर लिखा गया है। देवताओं को बलात्कारी कहा गया है। इसके अलावा संदेश में भगवान कृष्ण, विष्णु और सीताजी समेत कई मूर्तियों को लेकर भी भद्दे कमेंट्स किए गए हैं।
केसर लाल मीणा ने जैसे ही इस मैसेज को फॉरवर्ड किया ग्रुप के बाकी आरएएस अफसर हैरान रह गए। एक के बाद एक कई अधिकारी मैसेज के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया देते रहे।
कुछ लोगों ने संविधान की याद दिलाते हुए प्रशासनिक सेवा से जुड़े अधिकारी को इस तरह का व्यवहार न करने की सलाह भी दी।
हंगामे को देख केसरलाल ने मैसेज डिलीट कर दिया और ग्रुप पर लिखा, 'सॉरी, गलती से फॉरवर्ड कर दिया था'। यह लिखने के बाद केसरलाल ने एसोसिएशन की टोली छोड़ दी।
विवादित संदेश पर सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। अगर विवाद बढ़ता है तो राज्य सरकार अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है।
लेकिन फिलहाल इस मामले में मुख्य सचिव या किसी वरिष्ठ अधिकारी की ओर से कोई बयान नहीं आया है। किसी मंत्री की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
माना जा रहा है कि प्रदेश भाजपा की मुख्य विपक्षी पार्टी इस मामले को उठा सकती है। विवादित टिप्पणी पर एक बार फिर राज्य की सियासत में सियासी भूचाल आ सकता है।
ब्राह्मणों ने कहा कि बंदर बिना पंखों के उड़ गया। हमने मान लिया। ब्राह्मणों ने कहा कि बंदर उड़ गए और आग के विशाल गोले, सूर्य देव को खा गए। हमने कहा हां।
ब्राह्मणों ने कहा कि पृथ्वी अपने सींग पर टिकी हुई है। हमने कहा हां ठीक है। ब्राह्मणों ने कहा कि शूद्र ब्रह्मा के चरणों से निकला है।
हमने मान लिया। ब्राह्मणों ने कहा कि सीताजी खेत में जोतकर जमीन से बाहर आ गईं। हमने भी इसे स्वीकार किया। ब्राह्मणों ने हत्यारों, लुटेरों, व्यभिचारियों, धोखेबाजों और बलात्कारियों को देवी-देवता कहा। हमने भी इसे स्वीकार किया।