Gravel Mining in Rajasthan: प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के साथ ही बजरी लीज की प्रक्रिया पर लगी रोक को अब हटा दिया गया है। पुरानी शर्तों के आधार पर ही टेंडर प्रक्रिया फिर से शुरू होने जा रही है, जिससे 22 ब्लॉक में लीज जारी करने के लिए ऑनलाइन बिड होगी। ऐसे में यह तय है कि प्रदेश में अब बजरी सस्ती होगी। टेंडर प्रक्रिया में प्रदेश में अलग-अलग जगह 22 बड़े ब्लॉक में बजरी खनन की लीज जारी करने के लिए ऑनलाइन बिड मांगी जाएगी। 34 हैक्टेयर से लेकर 100 हैक्टेयर जमीन तक की लीज जारी की जाएगी।
राज्य सरकार को इस ऑक्शन से 300 करोड़ रुपए से ज्यादा का रेवेन्यू मिलने की उम्मीद है। जबकि आमजन को 40 टन के एक ट्रक पर करीब 15 हजार रुपए का फायदा हो सकता है। यह बिडिंग 12 मार्च से शुरू की जाएगी, जो 14 मार्च तक चलेगी। ये लीज 5 साल के लिए दी जाएगी। राजस्थान में अभी वर्तमान में 45 लीज संचालित है, जिनमें से 25 से ज्यादा लीज का समय मार्च 2024 में खत्म हो जाएगा।
ये ब्लॉक भीलवाड़ा, राजसमंद, ब्यावर, टोंक, जालोर के अलावा नागौर जिले में आवंटित किए जाएंगे, जो बनास नदी के अलावा लूनी नदी में होंगे। सरकार ने बिड में जो शर्तें निर्धारित की हैं, उसे देखकर उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार लोगों को बजरी बहुत सस्ती दर पर उपलब्ध हो सकती है।
राज्य सरकार अगर मॉनिटरिंग सख्ती से करेगी तो लोगों को वर्तमान से आधी कीमत पर बजरी उपलब्ध हो सकती है। वर्तमान में अभी जयपुर में 40 टन बजरी का एक ट्रक आमजन को करीब 48 से 50 हजार रुपए में मिलता है, लेकिन इस नियम के लागू होने के बाद 33 से 36 हजार रुपए में मिल सकता है।