First Session of Rajasthan Assembly: राजस्थान विधानसभा की 16वीं विधानसभा के पहले सत्र की शुरुआत शुक्रवार को राज्यपाल के अभिभाषण से हुई। इस दौरान सदन में हंगामा भी देखने को मिला। राज्यपाल कलराज मिश्र ने अपने अभिभाषण में भजन लाल सरकार का विजन सबके सामने रखा।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के 5 वर्ष के कार्यकाल में अंतर्विरोध और खींचतान के कारण शासन की गाड़ी बेपटरी बनी रही, लेकिन अब यह पूर्ण बहुमत एवं डबल इंजन की सरकार राज्य में विकास के नए कीर्तिमान स्थापित करेगी। यह सरकार ना केवल नए राजस्थान का निर्माण करेगी, बल्कि विकसित राजस्थान व विकसित भारत 2047 के संकल्प को साकार करेगी। सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास और सबका प्रयास सरकार का मूलमंत्र होगा।
राज्यपाल ने कहा कि पिछले 5 साल में राज्य का कर्ज 2 लाख करोड़ से ज्यादा बढ़ा है। इससे प्रति व्यक्ति कर्ज करीब 70 हजार रुपए तक पहुंच गया है। राजस्थान पर साल 2019 तक कुल कर्ज 3.39 लाख करोड़ रुपए था। जो कि अब बढ़कर 5.59 लाख करोड़ रुपए हो गया है। यदि प्रति व्यक्ति में इसे बांटा जाए तो पांच साल में यह दोगुने से ज्यादा हो गया है। आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार पहले कर्ज का बोझ 38 हजार 782 रुपए था। जो अब 70 हजार 848 रुपए हो गया है। गहलोत सरकार के कारण राजस्थान में आर्थिक आपातकाल के हालात रहे हैं और प्रदेश सबसे बीमार व कर्जदार राज्य की श्रेणी में आ गया है।
अभिभाषण में राज्यपाल ने कहा कि केंद्र की योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे, इसके लिए एक मॉनिटरिंग कमेटी गठित की जाएगी। वहीं, आमजन की समस्याओं के निराकरण के लिए ब्लॉक स्तर पर जनता दरबार लगाए जाएंगे और लगातार जनसुनवाई के कार्यक्रम होंगे। इंदिरा रसोई के स्थान पर श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना शुरू की गई है। इसमें खाद्य पदार्थों का वजन 450 से बढ़ाकर 600 ग्राम किया गया है। वहीं, 1 जनवरी 2024 से गरीब परिवार की महिलाओं को 450 रुपए में सिलेंडर दिया जा रहा है।
गेहूं की एमएसपी के ऊपर राज्य सरकार बोनस देकर 2700 रुपए प्रति क्विंटल पर गेहूं खरीद की योजना बनाएगी। साथ ही फर्टिलाइजर डिस्ट्रीब्यूशन रेगुलेटरी टास्क फोर्स का गठन होगा। वहीं, व्यावहारिक मुआवजा नीति भी निर्धारित की जाएगी। जिससे पिछली सरकार के कार्यकाल में जिन किसानों की जमीनें नीलाम हुई थीं, उन्हें सम्मानजनक मुआवजा मिल सके। गहलोत सरकार के कार्यकाल में 19 हजार से ज्यादा किसानों की जमीनें कुर्क और नीलाम की गईं।
पिछले 5 वर्षों में होने वाले भ्रष्टाचार की जांच की जाएगी। जल जीवन मिशन में हुए घोटाले की भी जांच भी करवाई जाएगी। भ्रष्टाचार के प्रकरणों में सीबीआई जांच को भी मंजूरी दी गई है, जिस पर पूर्ववर्ती सरकार ने रोक लगा दी थी। कानून व्यवस्था को सही करने के लिए एंटी गैंगस्टर्स टास्क फोर्स का भी गठन किया गया है। साइबर सुरक्षा के लिए भी रणनीति तैयार की गई है। सभी प्रमुख शहरों में एंटी रोमियो स्क्वॉड के गठन को भी पूरी मजबूती दी जाएगी। पुलिस बल में महिलाओं की भागीदारी बढृाई जाएगी।
महात्मा गांधी के नाम से शुरू हुए अंग्रेजी स्कूलों की समीक्षा की जाएगी। क्योंकि ये केवल नाम के अंग्रेजी स्कूल हैं। यहां न तो शिक्षक हैं और न ही क्लासरूम। इन स्कूलों को खोलने का निर्णय अव्यवहारिक था जिनका अलग-अलग स्तरों पर विरोध भी हुआ है। ये स्कूल जरूरी हैं या नहीं, जल्द ही इसकी समीक्षा कर इस पर डिसीजन लिया जाएगा। वहीं, आयुष्मान योजना को चिरंजीवी योजना का नाम देकर वाहवाही लूटने का प्रयास किया गया था, इसलिए अब इस योजना का भी रिव्यू होगा और आयुष्मान योजना को ही जन केंद्रित बनाकर प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा।