केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह ने सचिन पायलट के लिए कही बड़ी बात…बोले पायलट से हुई गलती

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बैठक के मंच से बताया कि राजस्थान में सचिन पायलट से थोड़ी सी चूक हो गई। पायलट में थोड़ी सी खामी थी। मध्य प्रदेश की तरह राजस्थान में भी होता तो अब तक पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) पर काम शुरू हो गया होता
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बैठक के मंच से बताया कि राजस्थान में सचिन पायलट से थोड़ी सी चूक हो गई। पायलट में थोड़ी सी खामी थी। मध्य प्रदेश की तरह राजस्थान में भी होता तो अब तक पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) पर काम शुरू हो गया होता। गजेंद्र सिंह ने बीती रात जयपुर के चौमू में भाजपा की जनाक्रोश रैली की बैठक में यह बात कही।

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बैठक के मंच से बताया कि राजस्थान में सचिन पायलट से थोड़ी सी चूक हो गई। पायलट में थोड़ी सी खामी थी। मध्य प्रदेश की तरह राजस्थान में भी होता तो अब तक पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) पर काम शुरू हो गया होता। गजेंद्र सिंह ने बीती रात जयपुर के चौमू में भाजपा की जनाक्रोश रैली की बैठक में यह बात कही।

मैं आज आप सभी के सामने जिम्मेदारी से यह कहता हूं। जैसे मध्यप्रदेश के विधायकों ने 2018 के बाद 2020 में फैसला किया। थोड़ी सी भी चूक हुई तो सचिन पायलट जी में थोड़ी सी खामी थी। अगर सही तरीके से किया गया होता तो अब तक पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना पर काम शुरू हो गया होता।
गजेंद्र सिंह शेखावत

गहलोत सरकार सिर्फ राजनीति करना चाहती है- शेखावत

गहलोत सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए कुंडली लेकर ईआरसीपी प्रोजेक्ट पर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि 13 जिलों की प्यास बुझाने के लिए राजस्थान सरकार को संशोधित कर भारत सरकार को भेजना है। अगर सरकार आज संशोधन भेजती है तो मैं 2 महीने में इस योजना को लागू करवा दूंगा। अगर वे (गहलोत सरकार) उन्हें दो महीने में नहीं भेजते हैं, तो आप उन्हें 2023 में भेज दें। उसके बाद अपनी (भाजपा) सरकार आएगी, वह इसे लागू करवाएगी। मैं इन 13 जिलों के लोगों को बताना चाहता हूं कि यह सरकार सिर्फ राजनीति करना चाहती है।

गहलोत सरकार के मंत्री मेरे दफ्तर आने से डरते हैं
गहलोत जब मुख्यमंत्री बने और ईआरसीपी पर चर्चा की तो पहली आपत्ति मध्य प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उठाई थी। उन्होंने कहा कि यह योजना केंद्र सरकार के नियमों के मुताबिक नहीं है। इसलिए इसमें सुधार की मांग की गई थी। 2019 में जब मैं जल शक्ति मंत्री बना तो राजस्थान और मध्य प्रदेश के मंत्रियों-अधिकारियों की बैठक बुलाई गई। अधिकारी आ सकते हैं, लेकिन गहलोत सरकार के मंत्री शायद मेरे दफ्तर आने से डरते हैं। क्योंकि गहलोत साहब के बेटे (वैभव गहलोत) को जोधपुर की जनता ने भारी मतों के अंतर से हराया था। उसके बाद राजस्थान से कोई मंत्री या संतरी मेरे कार्यालय में नहीं आता। उसको डर लगता है। मैंने 7 बार मीटिंग बुलाई, मंत्री नहीं आए। सात बार अधिकारियों के साथ बैठकर चर्चा की कि कोई रास्ता निकाला जाए। मध्यप्रदेश राजी हो गया और राजस्थान सरकार को पत्र भेज कर 75% डिपेंडेबिलिटी पर इस योजना को तैयार करने और भेजने के लिए कहा। मैं इसे तुरंत मंजूरी दूंगा।

5 साल में 30 से ज्यादा बांध में पानी भरकर दिखा दूंगा- शेखावत

इसके अलावा इन 13 जिलों में 30 से ज्यादा बांध हैं, जिनमें मैं अगले 5 साल में पानी भरने का काम पूरा करके दिखा दूंगा करूंगा और इस योजना को भारत सरकार पूरा करेगी। लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजस्थान की वर्तमान सरकार को यह काम नहीं करना पड़ रहा है और लोगों को पानी नहीं पिलाना है। पानी के नाम पर आपके सूखे-प्यासे कण्ठों के नाम पर राजनीति करके सत्ता की कुर्सी पर वापस जाने के लिए ललचाई निगाहों से देख रहे हैं।

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत
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