जल ही जीवन है लेकिन बांसवाड़ा में प्रशासन ने कैसे बना दिया जल को ही किसानों का दुश्मन

जल ही जीवन है लेकिन बांसवाड़ा में प्रशासन ने कैसे बना दिया जल को ही किसानों का दुश्मन

जल ही जीवन है लेकिन बांसवाड़ा में प्रशासन ने कैसे बना दिया जल को ही किसानों का दुश्मन

बांसवाड़ा जिले में तलवाडा पंचायत समिति मुख्यालय पर पतेला तालाब की नहरी तंत्र भगवान भरोसे चल रही है। इसी को लेकर किसानों ने इसका विरोध किया है। पतेला तालाब पर बने एनीकेट गेट जो नहरी तंत्र से जुड़ता है लंबे समय से खस्ताहाल है
Published on

बांसवाड़ा से धर्मेश सोमपुरा की रिपोर्ट: राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में तलवाडा पंचायत समिति मुख्यालय पर पतेला तालाब की नहरी तंत्र भगवान भरोसे चल रही है। इसी को लेकर किसानों ने इसका विरोध किया है। पतेला तालाब पर बने एनीकेट गेट जो नहरी तंत्र से जुड़ता है लंबे समय से खस्ताहाल है जिसको लेके किसानों ने सम्बंधित अधिकारी के साथ पंचायत के आला अधिकारियों को भी बार बार गेट के खस्ताहाल होने की सूचना दी है।

शिकायत के बावजूद भी कोई करवाई नहीं
सुचना देने के बावजूद भी गेट की मरम्मत को लेके कोई कारवाई नही गयी जिस पर किसानों द्वारा ही मिल कर पानी छोड़ा जाता और बन्द भी किया जाता। ऐसे में किसानों के खेतों में गेहूं की फसल पूरी तरह हो चुकी है उसके बाद भी खस्ताहाल गेट से अनावश्यक पानी के बहाव के कारण नहरों से खेतों में पानी जा रहा है। जिससे फसल को नुकसान हो रहा है जिस पर किसानों ने स्वयं घरों से खचरें को इकट्ठा कर गेट के आगे डाल पानी रोकने का कार्य किया ओर किसानों ने ग्राम पंचायत पहुच कर विरोध प्रर्दशन किया।

अधिकारियों की लापरवाही के कारण किसान लगातार परेशान

राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में पंचायत के आला अधिकारियों की लापरवाही के कारण किसान लगातार परेशान हो रहा है। यहां पर अधिकारीयों का काम किसान खुद कर रहे है, और किसान अपने खेतों में पानी छोड़ने और बंद करने का काम खुद करने को मजबूर है। नहर का सप्लाई गेट वो पूरी तरह से जाम है इसलिए पानी ऑवर फ्लो होकर खेतों में लगातार जा रहा है जिससे कि खड़ी फसल खराब हो रही है ।

कचरा डालकर पानी को रोकने की कोशिश

किसान कचरा डालकर पानी को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। कई बार स्थानीय प्रशासन को शिकायत की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। राजस्थान में फसल का पानी से इस तरह खराब होना थोड़ा अजीब लग सकता है लेकिन जब सिस्टम सुस्त हो तो इसी तरह की बर्बादी होना लाजमी है । किसान कुदरत से लड़कर अपनी फसल उगाता है लेकिन जब सरकारी तंत्र इस तरह दुश्मन बनता है तो फिर किसान किससे उम्मीद करें। सरकार बातें हित की करती है लेकिन हकीकत आपके सामने है।

<div class="paragraphs"><p>जल ही जीवन है लेकिन बांसवाड़ा में प्रशासन ने कैसे बना दिया जल को ही किसानों का दुश्मन</p></div>
मैटावर्स जमाने का नया भ्रष्टाचार, कागजों में बनी यूनिवर्सिटी, कागजों में ही हुआ वेरिफिकेशन...लेकिन धरातल पर कुछ भी नहीं
logo
Since independence
hindi.sinceindependence.com