डेस्क न्यूज़- झारखंड के स्कूलों में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए सरकार अब सख्त कदम उठाने
जा रही है, इस क्रम में झारखंड सरकार उन शिक्षकों के प्रति सख्त रवैया अपनाने जा रही है जो स्कूलों में समय
गुजारते हैं या केवल ड्यूटी निभा रहे हैं, सरकार के अनुसार अब शिक्षकों को न केवल बच्चों के परिणामों के लिए
जिम्मेदार माना जाएगा, बल्कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में विफल रहने पर उनके खिलाफ भी कार्रवाई
की जाएगी।
शिक्षा विभाग ने इस संबंध में एक निर्देश जारी किया
शिक्षा विभाग ने इस संबंध में एक निर्देश जारी किया है, जिसमें राज्य के सभी सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को
एक शेर योजना तैयार करने और बच्चों को पढ़ाने के लिए कहा गया है, इसके माध्यम से शिक्षक कक्षा से एक
दिन पहले छात्रों को बताएगा कि कल क्या अध्ययन किया जाएगा, निर्देशों के अनुसार हर महीने शिक्षक बच्चों
को लेशन योजना के तहत पढ़ाएंगे, अप्रैल 2021 से शुरू होने वाले नए सत्र के लिए सरकार के इस फरमान ने
शिक्षकों की समस्या को बढ़ा दिया है, शिक्षकों को अपने स्कूल में एक रजिस्टर रखना होगा जो कि योजना के
तहत है और उस रजिस्टर में हर दिन विषयवार अध्ययन के बारे में जानकारी दर्ज करनी होगी।
अधिकारी समय-समय पर स्कूलों का निरीक्षण करेंगे
जिला शिक्षा अधीक्षक और शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी समय-समय पर स्कूलों का निरीक्षण करेंगे और
शिक्षकों के काम की निगरानी करेंगे, स्कूल के प्रिंसिपल को यह जिम्मेदारी भी दी गई है कि वह अपने सभी
शिक्षकों को समय पर कक्षा में उपस्थित होने के लिए कहें, यह भी ध्यान रखें कि स्कूलों में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण
शिक्षा देने में शिक्षकों की लापरवाही नहीं होनी चाहिए, इधर शिक्षा विभाग के इस फरमान से शिक्षकों की परेशानी
बढ़ गई है, खासकर उन शिक्षकों के लिए जो स्कूल में केवल उपस्थिति बनाकर ड्यूटी निभाते थे, उनके लिए कठिनाई
निश्चित रूप से बढ़ गई है, शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी ड्यूटी पर लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों की
समस्या बढ़ गई है।