किसान आंदोलन में हिस्सा लेने बंगाल से दिल्ली आई महिला के साथ दुष्कर्म, कोविड-19 से मौत

पश्चिम बंगाल से किसान आंदोलन का समर्थन करने दिल्ली आई एक युवती के पिता ने उसे टिकरी बॉर्डर ले जाने वाले 2 लोगों पर उसके बलात्कार का आरोप लगाया है।
किसान आंदोलन में हिस्सा लेने बंगाल से दिल्ली आई महिला के साथ दुष्कर्म, कोविड-19 से मौत

डेस्क न्यूज़: हरियाणा पुलिस पश्चिम बंगाल की एक महिला के साथ दो पुरुषों द्वारा बलात्कार करने के आरोपों की जांच में जुटी है। आरोप है की जो लोग महिला को टिकरी सीमा पर किसान आंदोलन स्थल पर ले गए थे, उन्ही लोगो ने महिला के साथ दुष्कर्म किया है। हांलांकि, कोविद -19 के लक्षण सामने आने के बाद महिला की 30 अप्रैल को हरियाणा के एक अस्पताल में मौत हो गई।

महिला के पिता ने आरोप लगाया है कि उनकी बेटी का बलात्कार तब हुआ जब वह किसानों का समर्थन करने के लिए एक संगठन के कुछ सदस्यों के साथ टिकरी सीमा पर गई थीं।

पुलिस ने मामले की जांच के लिए रविवार को विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित की।

10 अप्रैल को महिला बंगाल से हरियाणा-दिल्ली के बीच टिकरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में गई थी

इस संबंध में, एक अधिकारी ने कहा कि महिला के पिता द्वारा दर्ज कराई गई FIR में, दो मुख्य आरापियों सहित छह लोगों के नाम थे।

महिला के पिता ने शनिवार को शिकायत दर्ज करवाई। और कहा कि उनकी बेटी 10 अप्रैल को बंगाल से हरियाणा-दिल्ली के बीच टिकरी बॉर्डर पर गई थी।
कोरोना वायरस के लक्षण दिखने के बात उसे 25-26 अप्रैल की रात को झज्जर जिले के बहादुरगढ़ में एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

बहादुरगढ़ पुलिस स्टेशन के प्रभारी निरीक्षक विजय कुमार ने कहा कि शिकायतकर्ता ने दावा किया कि दोनों आरोपी कुछ लोगों के साथ पिछले महीने पश्चिम बंगाल गए थे। महिला किसान आंदोलन का समर्थन कर रही थी और उसने उनके साथ विरोध स्थल का दौरा करने की इच्छा व्यक्त की थी।

आरोपियों को किसान आंदोलन में आने से भी रोक दिया गया

वहीं, संबंधित मामले की खबर के बाद संयुक्त किसान मोर्चे ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा बिलकुल स्वीकार्य नहीं है।

इसने एक बयान में कहा कि उसे महिला से यौन उत्पीड़न और प्रताड़ना की घटना का पता चला और संगठन यह स्पष्ट कर देना चाहता है कि अपराध में शामिल लोगों के खिलाफ कड़े कदम उठाए गए हैं। आरोपियों को प्रदर्शन में आने से भी रोक दिया गया।

किसान मोर्चे ने कहा कि वह इस लड़ाई को तार्किक अंजाम तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।

संगठन ने कहा कि महिला ऐसे कुछ लोगों के साथ पहुंची थी जिन्होंने खुद को 'किसान सोशल आर्मी' का सदस्य बताया था।

मोर्चे ने कहा कि 'किसान सोशल आर्मी' किसान समूहों की आवाज के लिए अधिकृत संगठन नहीं है और उसका इस आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है।

Like and Follow us on :

Related Stories

No stories found.
logo
Since independence
hindi.sinceindependence.com