उजागर हुआ तालिबान का असली चेहराः तालिबानी नेता अनस हक्कानी महमूद गजनवी की कब्र पर पहुंचा, सोमनाथ मंदिर तोड़ने को बड़ी कामयाबी बताया

तालिबान नेता अनस हक्कानी ने मंगलवार को महमूद गजनवी की कब्र का दौरा किया। गजनवी ने गुजरात के सोमनाथ मंदिर पर कई बार हमला किया था। तालिबान के नए आंतरिक मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी के कुख्यात हक्कानी नेटवर्क के छोटे भाई अनस हक्कानी ने गजनवी को "प्रसिद्ध मुस्लिम योद्धा" बताया।
उजागर हुआ तालिबान का असली चेहराः तालिबानी नेता अनस हक्कानी महमूद गजनवी की कब्र पर पहुंचा, सोमनाथ मंदिर तोड़ने को बड़ी कामयाबी बताया

तालिबान नेता अनस हक्कानी ने मंगलवार को महमूद गजनवी की कब्र का दौरा किया। गजनवी ने गुजरात के सोमनाथ मंदिर पर कई बार हमला किया था। तालिबान के नए आंतरिक मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी के कुख्यात हक्कानी नेटवर्क के छोटे भाई अनस हक्कानी ने गजनवी को "प्रसिद्ध मुस्लिम योद्धा" बताया।

अनस हक्कानी ने गजनवी को "प्रसिद्ध मुस्लिम योद्धा" बताया

अनस हक्कानी ने ट्वीट किया कि आज हम 10वीं सदी के मशहूर

मुस्लिम योद्धा और मुजाहिद सुल्तान महमूद गजनवी की दरगाह

गए। गजनवी ने गजनी से क्षेत्र में एक मजबूत मुस्लिम शासन

स्थापित किया और सोमनाथ की मूर्ति को ध्वस्त किया।

गजनवी ने सोमनाथ मंदिर पर 17 बार हमला किया

गजनवी के तुर्क वंश का पहला स्वतंत्र शासक महमूद गजनवी था, जिसने 998 से 1030 ईस्वी तक शासन किया था। गजनवी के महमूद ने 17 बार सोमनाथ मंदिर पर हमला किया और अंत में 1024 ई. में यहां लूटपाट करने में सफल रहा। गजनवी ने विशेष रूप से हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया। मंदिर उस समय हिंदुओं के लिए धन, अर्थव्यवस्था और विचारधारा का केंद्र थे।

हक्कानी नेटवर्क और तालिबान 1990 में करीब आए

अनस हक्कानी दोहा में तालिबान के वार्ता दल के सदस्य थे। हक्कानी नेटवर्क और तालिबान 1990 के दशक के दौरान करीब आए और इस बार भी खूंखार आतंकी समूह हक्कानी तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार का हिस्सा है। वैश्विक आतंकवादी सिराजुद्दीन हक्कानी वर्तमान में अफगानिस्तान का आंतरिक मंत्रालय के प्रमुख हैं।

अनस हक्कानी बोले- अफगानिस्तान का सच्चा दोस्त नहीं है भारत

कुछ दिनों पहले अनस हक्कानी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि अफगानिस्तान के लोग भारत को सच्चा दोस्त नहीं मानते हैं। भारत को अफगानिस्तान को लेकर अपनी नीति बदलनी चाहिए। उन्होंने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत पक्षपातपूर्ण है और पिछले 20 वर्षों से युद्ध भड़काने में लगा हुआ था। इसने शांति के लिए कुछ नहीं किया, अब तक इसकी भूमिका नकारात्मक रही है। यहां तक कि भारतीय मीडिया में भी इसकी झलक दिखती है, उसने तालिबान की खराब छवि पेश की है।"

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