1 फरवरी को होगी साल की पहली मौनी अमावस्या, जानिए क्या है महत्व और कैसे की जाती है पूजन

सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है। धार्मिक दृष्टि से इस अमावस्या का बहुत महत्व बताया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस अमावस्या के दिन व्रत की पूजा और पितरों को तिल जल देने से बहुत पुण्य मिलता है
1 फरवरी को होगी साल की पहली मौनी अमावस्या, जानिए क्या है महत्व और कैसे की जाती है पूजन

1 फरवरी को होगी साल की पहली मौनी अमावस्या, जानिए क्या है महत्व और कैसे की जाती है पूजन

सनातन धर्म में अमावस्या तिथि को एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। इस दिन चंद्रमा आकाश में दिखाई नहीं देता, इसलिए इसे चंद्र दिवस या अमावस्या दिवस भी कहा जाता है। यह हर महीने होती है, इसलिए साल में 12 अमावस्या तिथियां होती हैं। यह वह दिन है जो चंद्र मास में शुक्ल पक्ष या शुक्ल पक्ष की शुरुआत का प्रतीक है।

1 फरवरी को सोमवार होने के कारण इसे सोमवती अमावस्या कहा जाएगा
मान्यता है कि इस दिन किसी तीर्थ स्थान पर जाकर स्नान करने से शुभ फल मिलते हैं। इसके साथ ही पितृ दोष से मुक्ति के लिए अमावस्या के दिन पितरों का श्राद्ध और तर्पण भी किया जाता है, इस बार अमावस्या तिथि 31 जनवरी और 1 फरवरी को होगी, 1 फरवरी को सोमवार होने के कारण इसे सोमवती अमावस्या कहा जाएगा।

अमावस्या का कितना महत्व

सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है। धार्मिक दृष्टि से इस अमावस्या का बहुत महत्व बताया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस अमावस्या के दिन व्रत की पूजा और पितरों को तिल जल देने से बहुत पुण्य मिलता है। सोमवार को भगवान शिव का दिन माना जाता है। कहते हैं इस दिन व्रत रखने और शिव पार्वती की पूजा करने से सुहाग की आयु लंबी होती है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

मौनी अमावस्या व्रत भी कहा जाता
माघ अमावस्या जो माघ के हिंदू महीने में आती है, इसलिए इसका नाम माघ अमावस्या पड़ा। यह मौन व्रत रखने का दिन है, इसलिए इसे मौनी अमावस्या व्रत भी कहा जाता है। मौनी व्रत का अर्थ है कि व्रत करने वाला व्यक्ति उस दिन एक शब्द भी नहीं बोल सकता है। यह उपवास का सबसे कठिन रूप है। कुछ ही लोग इस व्रत को रखने में सफल होते हैं। खुद से जुड़ने का दिन है।

दाम्पत्य जीवन में स्नेह और सद्भाव बढ़ाने के लिए विवाहित जोड़ों को भी सोमवती अमावस्या का व्रत करना चाहिए। इस दिन पूजा करने से नकारात्मक विचार दूर होते हैं। भगवान शिव के उपासकों द्वारा बड़े पैमाने पर यज्ञों का आयोजन किया जाता है। इस दिन की पूजा अमावस्या तिथि के अनुसार ही करनी चाहिए।

साल 2022 में कब-कब होगी अमावस्या

  1. माघ अमावस्या- 1 फरवरी 2022

  2. फाल्गुन अमावस्या- 2 मार्च 2022

  3. चैत्र अमावस्या- 1 अप्रैल 2022

  4. वैशाख अमावस्या- 30 अप्रैल 2022

  5. ज्येष्ठ अमावस्या- 30 मई 2022

  6. आषाढ़ अमावस्या- 29 जून 2022

  7. श्रावणी अमावस्या- 28 जुलाई 2022

  8. भाद्रपद अमावस्या- 27 अगस्त 2022

  9. आश्विन अमावस्या- 25 सितंबर 2022

  10. कार्तिक अमावस्या- 25 अक्टूबर 2022

  11. मार्गशीर्ष अमावस्या- 23 नवंबर 2022

  12. पौष अमावस्या- 23 दिसंबर 2022

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