जानें क्या है डोमिसाइल सर्टिफिकेट, जम्मू-कश्मीर में अब लड़कियों को मिलेंगे ये अधिकार ?

दिल्ली से सटे फरीदाबाद में रहने वाली बिंदिया भट्ट चाहती हैं कि वो अपने पति दीपक सहगल के साथ रिटायरमेंट के बाद जम्मू-कश्मीर में बस जाएं। पहले यह मुमकिन नहीं था, लेकिन अब जम्मू कश्मीर के प्रशासन के एक महत्वपूर्ण फैसले के बाद यह मुमकिन हो पाएगा।
जानें क्या है डोमिसाइल सर्टिफिकेट, जम्मू-कश्मीर में अब लड़कियों को मिलेंगे ये अधिकार ?

दिल्ली से सटे फरीदाबाद में रहने वाली बिंदिया भट्ट चाहती हैं कि वो अपने पति दीपक सहगल के साथ रिटायरमेंट के बाद जम्मू-कश्मीर में बस जाएं। पहले यह मुमकिन नहीं था, लेकिन अब जम्मू कश्मीर के प्रशासन के एक महत्वपूर्ण फैसले के बाद यह मुमकिन हो पाएगा। केंद्र शासित प्रदेश की बेटियों को इस फैसले के चलते बड़ी राहत मिली है, जिसके चलते देश के अन्य राज्यों में शादी पर पति भी डोमिसाइल के हकदार होंगे।

बिंदिया भट्ट सहगल कहती हैं कि पहले जम्मू-कश्मीर की बेटियों के साथ भेदभाव होता था। जैसे बाकी कश्मीरी लड़कों को अधिकार मिलते थे, वैसे ही अधिकार अब कश्मीरी लड़कियों को भी मिलेंगे। बिंदिया पूछती हैं कि क्या अगर एक पंजाबी लड़की किसी हरियाणा के लड़के से शादी कर ले तो क्या पंजाब सरकार कहेगी कि अब पंजाब में आपके अधिकार समाप्त हो गए हैं? यह बहुत गलत था।

बिंदिया भट्ट की शादी 2015 में फरीदाबाद में रहने वाले पंजाबी परिवार में हुई। बिंदिया से उनके पति दीपक सहगल की मुलाकात नौकरी के दौरान दिल्ली में ही हुई। बिंदिया कहती हैं कि जब भी वो अपना नाम लेती है, तो वो बिंदिया भट्ट ही बोलती हैं, क्योंकि यह मेरी पहचान है, मैं कश्मीरी पंडित हूं। मैं पंजाबी बहू ज़रूर हूं, लेकिन कश्मीर मेरा घर है, मैं हमेशा कश्मीरी ही रहूंगी।

 डोमिसाइल सर्टिफिकेट धारक से शादी करने वाली महिला या पुरुष को डोमिसाइल का हकदार मान लिया

बिंदिया कहती हैं कि उनकी एक साल की बेटी शायशा को भी इस फैसले से फायदा होगा, जिसमें वहां के कॉलेज में एडमिशन भी शामिल है। उपराज्यपाल प्रशासन के फैसले के अनुसार जम्मू-कश्मीर डोमिसाइल सर्टिफिकेट धारक से शादी करने वाली महिला या पुरुष को डोमिसाइल का हकदार मान लिया है।

प्रशासन विभाग में नए नियम की अधिसूचना मंगलवार को जारी कर दी जिसके तहत प्रदेश में डोमिसाइल सर्टिफिकेट धारक से शादी करने पर दूसरे राज्य की महिला या पुरुष को भी अब डोमिसाइल सर्टिफिकेट मिल सकता है और साथ ही सभी अधिकार मिल सकते हैं।

डोमिसाइल सर्टिफिकेट धारक से शादी करने पर भी डोमिसाइल मिलने का प्रावधान नहीं था

इससे पूर्व की व्यवस्था में केवल 15 वर्ष तक जम्मू कश्मीर में रहने, तय समय तक जम्मू-कश्मीर में सेवाएं देने और विद्यार्थियों के लिए हटाए नियमों के तहत ही डोमिसाइल सर्टिफिकेट का प्रावधान था। 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 और 35A हटने के बावजूद कश्मीरी महिलाओं को ऐसे मामलों में दिक्कत आ रही थी जिसमें डोमिसाइल सर्टिफिकेट धारक से शादी करने पर भी डोमिसाइल मिलने का प्रावधान नहीं था।

अनुच्छेद 35A के तहत जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को रोजगार और संपत्ति के विशेषाधिकार थे लेकिन उन महिलाओं को वंचित रखा गया जिनकी शादी दूसरे राज्यों में होती थी। उन महिलाओं के बच्चों को जम्मू-कश्मीर में संपत्ति या नौकरी के अधिकार नहीं मिलते थे।

प्रॉपर्टी में बच्चों और पति को मिल सकता है हिस्सा

वकील चारु वल्ली खन्ना कहती हैं कि इससे उन महिलाओं को अधिकार मिलेंगे जिन्होंने जम्मू कश्मीर के बाहर के राज्यों में शादी की हो। खन्ना कहती हैं कि इस फैसले के बाद अब कश्मीरी महिला की प्रॉपर्टी को उसके बच्चों और पति के नाम किया जा सकता है और अब जमीन को कौड़ियों के दाम बेचने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

खन्ना का मानना है कि सारा पायलट, जो फारूक अब्दुल्लाह की बेटी और सचिन पायलट की पत्नी है, उन्हें भी इस फैसले से फायदा होगा क्योंकि उनकी शादी जम्मू कश्मीर से बाहर राजस्थान में हुई। चारु वली खन्ना भी कश्मीरी महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ती रही है।

सुप्रीम कोर्ट में महिलाओं को अधिकार दिलाने के लिए पिटीशन भी दायर की

उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में महिलाओं को अधिकार दिलाने के लिए पिटीशन भी दायर की है। वकील खन्ना का मानना है की इस नए फैसले से उन लोगों को जरूर राहत मिलेगी जिनके पास डोमिसाइल सर्टिफिकेट है लेकिन जो कश्मीरी महिलाएं या पुरुष बहुत पहले कश्मीर से बाहर बस गए थे उनके अधिकारों के लिए वह लड़ती रहेंगी।

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