डेस्क न्यूज़- भारतीय सेना के सूत्र के मुताबिक भारत और चीन के बीच 12वें दौर की कोर कमांडर स्तर की वार्ता कल सुबह यानि 31 जुलाई को करीब 10.30 बजे वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीन की तरफ मोल्दो में होगी, बैठक का मकसद पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव का हल निकालना है, दरअसल, चीन से इस बातचीत के लिए 26 जुलाई की तारीख तय की गई थी, लेकिन भारतीय सेना ने कारगिल दिवस के चलते वार्ता की तारीख बढ़ा दी थी।
सूत्रों का कहना है कि भारतीय और चीनी पक्ष के सैन्य कमांडरों की बैठक में देपसांग, गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्रों के मैदानी इलाकों से पलायन पर चर्चा हो सकती है, आपको बता दें कि भारतीय सेना के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सबसे पहले 26 जुलाई को चीन की ओर से सैन्य वार्ता का सुझाव दिया गया था, लेकिन भारत ने इस दिन कारगिल दिवस का हवाला देते हुए बातचीत करने से इनकार कर दिया था।
मई 2020 में चीनी सैनिकों द्वारा पूर्वी लद्दाख में एलएसी के अतिक्रमण के बाद भारत-चीन सैन्य और राजनयिक स्तर पर बातचीत कर रहे हैं, दोनों देशों के बीच अब तक कुल 11 दौर की बातचीत हो चुकी है, इन वार्ताओं के चलते दोनों सेनाएं कई जगहों पर पीछे हट चुकी हैं, लेकिन देपसांग के मैदानों, गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स में अभी भी तनाव बना हुआ है, जिसे दोनों देश सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं।
इससे पहले भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में द्विपक्षीय बैठक हुई थी, भारत की ओर से शामिल हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ लद्दाख में जारी तनाव पर चर्चा की, एस जयशंकर ने ट्वीट किया था कि चर्चा लद्दाख के पश्चिमी सेक्टर में एलएसी पर लंबित मुद्दों पर केंद्रित थी, उन्होंने वांग यी से कहा कि एलएसी पर यथास्थिति में एकतरफा बदलाव स्वीकार्य नहीं है।