राजस्थान की राजनीती अब दिल्ली में हिचकोले खाने लगी है। दोनों गुटों की अलग अलग योजनाओ की मंत्रणा दिल्ली में अब तेज होने लगी है। आपसी विवाद के बीच सरकार का ध्यान प्रदेश की जनता से हट सा गया है जहा गत दिनों पहले कोरोना महामारी का विकराल रूप सामने था, वही ब्लैक फंगस जैसी बीमारी अब सरकार के सामने चुनौती भी है लेकिनं फ़िलहाल सरकार आपसी – विवादों में ज्यादा उलझी सी नजर आ रही है
कांग्रेस हाई कमान अब पंजाब के तर्ज पर सचिन पायलट गुट की नाराजगी दूर करने का प्लान बना रही है। जो की अब तूल पकड़ता नजर आ रहा है। राजस्थान के मौजूदा हालात को लेकर जयपुर से दिल्ली तक सियासी हलचल तेज हो गई है। कल शाम सचिन पायलट दिल्ली पहुंच चुके हैं। पायलट दिल्ली में आगे की रणनीति पर चर्चा कर रहे हैं। आज-कल में सचिन पायलट कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं। उधर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का खेमा भी लगातार पायलट ग्रुप पर निगाह रखे हुए हैं कहा पायलट मिल रहे है कहा किसी से मुलाकात हो रही है। दिल्ली एक बार फिर राजस्थान के सियासी विवाद का केंद्र बन गया है।
सचिन पायलट से कांग्रेस प्रभारी अजय माकन भी संपर्क में हैं। सचिन पायलट अब अपने 10 महीने पुराने मुद्दों पर तत्काल एक्शन की मांग कर रहे हैं, जिनमें उनके समर्थक विधायकों को मंत्री बनाने और राजनीतिक नियुक्तियों में भागीदारी के अलावा सरकार में काम करने में भी प्राथमिकता सहित कई मुद्दे शामिल हैं। पायलट गुट की शिकायत है कि गहलोत राज में उनके साथ ऐसा विपक्षी जैसा बर्ताव हो रहा है। सचिन पायलट खेमे की ताजा नाराजगी के बीच एक बार फिर दिल्ली में चर्चाएं तेज हैं। सचिन पायलट अपने शुभचिंतक कांग्रेस नेताओं से भी समर्थन जुटाकर अपने मुद्दों का हल करने की कवायद में जुट गए हैं।
सचिन पायलट के कल दिल्ली जाने के बाद आज सुबह कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी आज सुबह दिल्ली पहुंच गए हैं। डोटासरा ने कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और राजस्थान के सहप्रभारी रह चुके काजी निजामुद्दीन की मां के निधन पर संवेदना जताने के लिए आने की बात कही है। बताया जाता है कि डोटासरा प्रभारी अजय माकन से पूरे मसले पर चर्चा करेंगे।