रीता बहुगुणा से फोन पर बात नहीं हुई तो क्या अब कांग्रेस में ही रहकर संघर्ष करेंगे पायलट : तेल की कीमतों में वृद्धि के विरोध में कांग्रेस के राष्ट्रव्यापी आह्वान के अंतर्गत 11 जून को पूर्व डिप्टी सीएम और कांग्रेस के असंतुष्ट नेता सचिन पायलट ने केंद्र की मोदी सरकार की जमकर आलोचना की। पायलट ने कहा कि पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ते हैं तो महंगाई भी बढ़ जाती है।
आज युवा वर्ग बेरोजगार है तो महंगाई की वजह से घर चलाना मुश्किल हो रहा है। मोदी सरकार के प्रति लोगों में जबरदस्त गुस्सा है। मोदी सरकार के प्रति नाराजगी दिखाने के लिए 11 जून को जयपुर में सांगानेर स्थित पेट्रोल पंप के बाहर कांग्रेस के धरने में भी शामिल हुए। धरना स्थल पर मीडिया से बात करने पर पायलट चले गए।
रीता बहुगुणा से फोन पर बात नहीं हुई तो क्या अब कांग्रेस में ही रहकर संघर्ष करेंगे पायलट : पायलट ने यह दिखाने का भरपूर प्रयास किया कि वे भाजपा और मोदी के खिलाफ है। पायलट ने ऐसा तब किया जब उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
एक दिन पहले ही 10 जून को पायलट ने अपने जयपुर के आवास पर अपने समर्थक विधायकों का जमावड़ा कर राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार की सांसें फुला दी थी। कहा गया कि 11 जून को स्वर्गीय राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर सचिन पायलट राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन करेंगे। सरकार की खुफिया एजेंसियों की निगाहें दिनभर पायलट के निवास पर लगी रही।
11 जून को पायलट जब जयपुर में सांगानेर क्षेत्र के एक पेट्रोल पंप के बाहर धरने पर बैठे थे, तब पत्रकारों ने उनसे भाजपा की नेता रीता बहुगुणा के फोन के बारे में जानकारी चाही तो पायलट ने कहा कि रीता बहुगुणा ने सचिन तेंदुलकर से बात की होगी। मेरी रीता बहुगुणा से कोई बात नहीं हुई है। मालूम हो कि दो दिन पहले जब यूपी के कांग्रेसी नेता जितिन प्रसाद भाजपा में शामिल हुए थे, तब रीता बहुगुणा ने कहा था कि उनकी सचिन पायलट से फोन पर बात हुई है और उन्होंने देशहित में पायलट को भाजपा में शामिल होने के लिए कहा है।
जानकार सूत्रों के अनुसार कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने सचिन पायलट से फोन पर बात की है। पायलट को बातचीत के लिए दिल्ली बुलाया गया है। हो सकता है कि अब दिल्ली में पायलट की मुलाकात प्रियंका गांधी से हो। सूत्रों के अनुसार गांधी परिवार के प्रमुख सदस्य राहुल गांधी ने सचिन पायलट से बात करने में कोई रुचि नहीं दिखाई है।
पायलट के बगावती तेवरों को देखते हुए राहुल गांधी अब पायलट से कोई बात नहीं करना चाहते। ऐसी स्थिति में पायलट को मानने और कांग्रेस में बनाए रखने के लिए प्रियंका गांधी ने पहल की है। प्रियंका गांधी नहीं चाहती है कि पायलट कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में शामिल हो।