राजस्थान में पिछले साल सचिन पायलट खेमे की बगावत के बाद बनी कांग्रेस की तीन सदस्यीय सुलह कमेटी की अब तक रिपोर्ट नहीं आने पर कांग्रेस में एक बार फिर विरोध के सुर उठने शुरू हो गए हैं. पूर्व डिप्टी ष्टरू सचिन पायलट ने उनसे किए गए वादे पूरे नहीं होने पर नाराजगी जताई है. पायलट ने एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में खुलकर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि 10 महीने हो गए हैं और उनसे किए वादे पूरे नहीं किए हैं.
पायलट ने कहा, मुझे समझाया गया था कि सुलह कमेटी तेजी से एक्शन लेगी, लेकिन आधा कार्यकाल पूरा हो चुका है और वे मुद्दे अब भी अनसुलझे ही हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिन कार्यकर्ताओं ने पार्टी को सत्ता में लाने के लिए रात-दिन मेहनत की और अपना सब कुछ लगा दिया, उनकी सुनवाई ही नहीं हो रही है.
पायलट ने 14 अप्रैल को कहा था, कई महीनों पहले एक कमेटी बनी थी. मुझे विश्वास है कि अब और ज्यादा देरी नहीं होगी. जो चर्चाएं की थीं और जिन मुद्दों पर आम सहमति बनी थी, उन पर तुरंत प्रभाव से कार्रवाई होनी चाहिए और ऐसा होगा मुझे लगता है. मुझे सोनिया गांधी पर पूरा विश्वास है, उनके आदेश पर ही कमेटी बनी थी. अभी कमेटी में दो सदस्य हैं. उपचुनाव और पांच राज्यों के चुनाव थे, वे भी खत्म होने को हैं तो मुझे नहीं लगता कि अब कोई ऐसा कारण है कि उस कमेटी के फैसलों को लागू करने में और देरी होगी.
सचिन पायलट के ताजा बयान से एक बार फिर कांग्रेस की अंदरूनी सियासत गर्मा गई है। पायलट का बयान ऐसे वक्त आया है जब उनके एक समर्थक हेमाराम चौधरी ने इलाके के विकास के कामों की अनदेखी के मुद्दे पर 18 मई को इस्तीफा दे दिया था। वहीं दो दिन पहले सचिन पायलट खेमे के विधायक पीआर मीणा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बजट की तीन महीने बाद जमकर तारीफ की है।