सचिन पायलट का BJP पर कड़ा तंज ; बीजेपी नेता बेकार की बयानबाजी की जगह खुद की हालत देखें, आपसी फूट इतनी हावी है कि विपक्ष की भूमिका नहीं निभा पा रही भाजपा

इनकी नाकाम नीतियों से देश में उपजे संकट में जनता को अकेला छोड़ने वालों को जनता करारा जवाब देगी
सचिन पायलट का BJP पर कड़ा तंज ; बीजेपी नेता बेकार की बयानबाजी की जगह खुद की हालत देखें, आपसी फूट इतनी हावी है कि विपक्ष की भूमिका नहीं निभा पा रही भाजपा

राजस्थान में राजनीती का पानी अब झोले मारने लगा है और जिस तरीके से राजीनीति का ये पानी अब तूफान बनता जा रहा है इससे लगता है की जल्द ही कांग्रेस में बड़ी बगावत की बू आ रही है

वही पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बयान पर उनके समर्थन में उतरे भाजपा नेताओं का सियासी दांव उलटा पड़ गया। सचिन पायलट के बयान के बाद दिन में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कांग्रेस पर निशाना साधा था। दोनों नेताओं ने कांग्रेस सरकार बनने में पायलट का योगदान बताया। मंगलवार आधी रात सचिन पायलट ने ट्वीट करके भाजपा को निशाने पर लिया।

सचिन पायलट ने राजेंद्र राठौड़ के ट्वीट के जवाब में लिखा-प्रदेश के भाजपा नेताओं को व्यर्थ बयानबाज़ी की बजाय अपनी स्थिति पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। आपसी फूट व अंतर्कलह इतनी हावी है कि राज्य मे भाजपा विपक्ष की भूमिका भी नहीं निभा पा रही। इनकी नाकाम नीतियों से देश में उपजे संकट में जनता को अकेला छोड़ने वालों को जनता करारा जवाब देगी।

क्या आपको नहीं लगता कि समिति को भंग कर दिया जाना चाहिए?

वही एक मंत्री ने बताया कि एक और विद्रोह के डर से राजनीतिक नियुक्तियों में देरी हो रही है। उन्होंने आगे कहा, अगर हम 10 कार्यकर्ताओं को एक पद देते हैं, तो बाकी 90 नखरे करेंगे और एक और विद्रोह हो सकता है जिसे हम महामारी के बीच अभी नहीं संभाल सकते हैं।

एक पायलट शिविर अनुयायी ने कहा, "कांग्रेस में प्रतिद्वंद्वी खेमा इससे सहमत नहीं है। पार्टी में बगावत के बाद हमें नेतृत्व के मुद्दे पर समझौता करने के लिए कहा गया और हमने खेल के सभी नियमों का पालन किया। हमने पार्टी के खिलाफ कुछ नहीं कहा। लेकिन अब, 11 महीने हो गए हैं जब एक समिति गठित की गई थी। हमारे मुद्दों में और यह समिति परिणाम लाने में विफल रही है। क्या आपको नहीं लगता कि समिति को भंग कर दिया जाना चाहिए? आलाकमान इस मुद्दे को क्यों नहीं देख रहा है।"

एक अन्य कार्यकर्ता ने कहा कि पिछले साल जुलाई में अनुभवी नेताओं अहमद पटेल, के.सी. वेणुगोपाल और अजय माकन पायलट खेमे की शिकायतों को देखेंगे। पटेल का निधन हो गया, लेकिन समिति के अन्य दो सदस्य शिकायतों को हल करने में सक्रिय नहीं हैं।

Like and Follow us on :

Related Stories

No stories found.
logo
Since independence
hindi.sinceindependence.com