न्यूज – वारिस पठान के बाद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) के एक और नेता और विधायक मुफ्ती मोहम्मद इस्माईल ने भड़काऊ बयान दिया है। मालेगांव में मुफ्ती मोहम्मद इस्माईल ने आपत्तिजनक बयान देते हुए कहा,' शहर में गोलीबारी की एक घटना हुई। एफआइआर क्यों नहीं हुई? विभाग को ध्यान रखना चाहिए कि यदि हम शांति बनाए रखना जानते हैं, तो हम ये भी जानते हैं कि शांति कैसे जाती है। हमने चूड़ियां नहीं पहन रखी हैं।'
इस्माईल कहा,'मैंने यह बात अपने शहर के संदर्भ में कही थी। इसका महाराष्ट्र या भारत से कोई लेना देना नहीं है। हमारे लोगों (रिजवान खान) के घर के करीब हुई गोलीबारी के संदर्भ में यह बात कही। इस संदर्भ में मैंने कहा कि हम प्रसाशन को शांति बनाए रखने में मदद करते हैं। अगर हम ऐसा करना छोड़ दें तो शांति बाधित होगी।'
यह पहला ऐसा अवसर नहीं है जब ओवैसी की पार्टी के नेता ने ऐसा बयान दिया हो। इससे पहले वारिस पठान ने पिछले दिनों नागरिकता संशोधन कानून 2019 के खिलाफ विरोध रैली में कहा था कि 15 करोड़, 100 करोड़ पर भारी पड़ेंगे। इसे लेकर काफी हंगामा बरपा और उनकी काफी आलोचना हुई। इसके बाद उन्हें अपना बयान वापस ले लिया। उन्होंने कहा था कि उनके बयान को गलत तरह से पेश किया गया और राजनीतिक साजिश तहत उन्हें और उनकी पार्टी को निशाना बनाया गया।
गौरतलब है कि नेताओं के भड़काऊ बयान पर सुप्रीम कोर्ट पहले ही नाराजगी जता चुका है। दिल्ली में हुई हिंसा पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पुलिस से तुरंत भड़काऊ बयान देनें वालों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था। वहीं दिल्ली हाईकोर्ट में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, प्रियंका गांधी के खिलाफ भड़काऊ बयान देने को लेकर याचिका दायर की गई है। इसमें दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया,
AAP के विधायक अमानतुल्ला खान, असदुद्दीन ओवैसी और वारिस पठान के नाम भी शामिल हैं। याचिकाकर्ता नफरत फैलाने वाले भाषण और सीएए को लेकर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग कर रहे हैं।इसके बाद भी भड़काऊ बयान दौर जारी है।