राम जन्मभूमि ट्रस्ट में भ्रष्टाचार के आरोप, आप सांसद संजय सिंह ने कहा- सीबीआई और ईडी करे मामले की जांच

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं, जो अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कर रहा है, और सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय से जांच की मांग की है
राम जन्मभूमि ट्रस्ट में भ्रष्टाचार के आरोप, आप सांसद संजय सिंह ने कहा- सीबीआई और ईडी करे मामले की जांच
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आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं, जो अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कर रहा है, और सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय से जांच की मांग की है।

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए

संजय सिंह ने रविवार को प्रेस वार्ता कर सनसनीखेज आरोप लगाते

हुए कहा कि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने संस्था के सदस्य अनिल

मिश्रा की मदद से 2 करोड़ रुपये की जमीन 18 करोड़ रुपये में खरीदी.

यह सीधे तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है और सरकार को इसकी जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय से करवानी चाहिए।

संजय सिंह ने कहा, "कोई सोच भी नहीं सकता कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के नाम पर कोई घोटाला और भ्रष्टाचार करने की हिम्मत करेगा

प्रेस कांफ्रेंस में कुछ दस्तावेज पेश करते हुए संजय सिंह ने कहा,

"कोई सोच भी नहीं सकता कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के नाम पर कोई घोटाला

और भ्रष्टाचार करने की हिम्मत करेगा लेकिन जो कागजात मैं आपके सामने दिखाने जा रहा हूं.

राम जन्मभूमि ट्रस्ट के नाम पर, चंपत राय जी ने करोड़ों रुपये खर्च किए हैं।

उन्होंने कहा कि इस जमीन की खरीद में राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सदस्य

अनिल मिश्रा और अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय गवाह बने थे.

यह जमीन शाम 7.10 बजे खरीदी गई। इसके ठीक पांच मिनट बाद चंपत राय ने

यह जमीन सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी से साढ़े 18 करोड़ रुपये में खरीद ली।

इसमें से 17 करोड़ रुपये आरटीजीएस के जरिए एडवांस के तौर पर दिए गए।

उन्होंने आरोप लगाया, "दो करोड़ रुपए में खरीदी गई जमीन का दाम लगभग प्रति सेकंड साढ़े पांच लाख रुपए बढ़ गया

उन्होंने आरोप लगाया, "दो करोड़ रुपए में खरीदी गई जमीन का दाम लगभग प्रति सेकंड साढ़े पांच लाख रुपए बढ़ गया.

हिंदुस्तान तो क्या, दुनिया में कहीं किसी जमीन का दाम इतनी तेजी से नहीं बढ़ता.

मजेदार बात यह है कि जो राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा

और अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय बैनामा कराने में गवाह थे,

वो ही इस जमीन को ट्रस्ट के नाम पर खरीदने में भी गवाह बन गए.

यह साफ तौर पर धन शोधन और भारी भ्रष्टाचार का मामला है.

मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार से मांग करता हूं कि

तत्काल ईडी और सीबीआई के जरिए इस मामले की गहन जांच कराकर

इसमें शामिल भ्रष्टाचारी लोगों को जेल में डाला जाए क्योंकि यह इस मुल्क के

करोड़ों राम भक्तों की आस्था के साथ-साथ उन करोड़ों लोगों के भरोसे का भी

सवाल है जिन्होंने अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा राम मंदिर निर्माण के लिए दिया है."

उन्होंने कहा, "इस मामले में एग्रीमेंट के स्टांप का समय और बैनामे के स्टांप का समय भी सवाल खड़ा करता है

उन्होंने कहा, "इस मामले में एग्रीमेंट के स्टांप का समय और बैनामे के स्टांप का समय भी सवाल खड़ा करता है. जो जमीन बाद में ट्रस्ट को बेची गई उसका स्टांप शाम को पांच बजकर 11 मिनट पर खरीदा गया और जो जमीन पहले रवि मोहन तिवारी और अंसारी ने खरीदी उसका स्टांप पांच बजकर 22 मिनट पर खरीदा गया."

आप प्रवक्ता ने कहा कि किसी भी ट्रस्ट में जमीन खरीदने के लिए बाकायदा बोर्ड का प्रस्ताव होता है. आखिर पांच मिनट में ही कैसे राम मंदिर ट्रस्ट ने यह प्रस्ताव पारित कर लिया और फौरन जमीन खरीद ली.

उन्होंने कहा, "मैं समझता हूं आज उन करोड़ों भक्तों को गहरी ठेस लगी होगी जिन्होंने प्रभु श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण के नाम पर चंदा दिया. प्रभु श्री राम के नाम पर बने ट्रस्ट के वह जिम्मेदार लोग करोड़ों रुपए की हेराफेरी कर रहे हैं."

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