डेस्क न्यूज – शनिवार को रूस के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा है कि भारत ने ये फैसला संवैधानिक दायरे में रहकर किया है। इससे पहले अमेरिका ने भी भारत के इस फैसले पर कोई आपत्ति नहीं जताई थी।
जम्मू कश्मीर को स्पेशल स्टेटस देने वाले आर्टिकल 370 को खत्म करने और । उसने भारत के साथ सभी द्विपक्षीय रिश्ते समाप्त करने का फैसला किया है और विश्व की बड़ी शक्तियों को इस मुद्दे पर दखल देने की अपील कर रहा है। लेकिन उसे अभी तक निराशा ही हाथ लगी है। शनिवार को रूस के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा है कि भारत ने ये फैसला संवैधानिक दायरे में रहकर किया है। इससे पहले अमेरिका ने भी भारत के इस फैसले पर कोई आपत्ति नहीं जताई थी।
रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा, 'हम भारत और पाकिस्तान के बीच स्थिति सामान्य होने के पक्षधर हैं। हमें उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच मतभेद को द्विपक्षीय राजनीतिक और कूटनीतिक तरीके से हल कर लिया जाएगा। हम उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार के इस फैसले से दोनों देशों के बीच तनाव नहीं बढ़ेगा। हमें बताया गया है कि जम्मू और कश्मीर पर फैसला भारत के संवैधानिक दायरे में रहकर लिया गया है।'
इससे पहले अमेरिका ने शुक्रवार को कहा कि कश्मीर पर उसकी नीति में कोई बदलाव नहीं आया है और उसने भारत तथा पाकिस्तान से शांति एवं संयम बरतने और सीधी बातचीत कर आपसी मतभेद दूर करने का आह्वान किया। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मोर्गन ओर्टागस से जब बृहस्पतिवार को संवाददाताओं ने पूछा कि क्या अमेरिका की कश्मीर पर नीति में कोई बदलाव आया है, इस पर उन्होंने कहा, "नहीं"। अमेरिका की नीति यह रही है कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा है और दोनों देशों को ही इस मुद्दे पर बातचीत की गति और गुंजाइश को लेकर फैसला करना है।
केंद्रीय वाणिज्यफ एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्वच में पांच राज्यों के मुख्यरमंत्रियों और कारोबारी प्रतिनिधियों का एक प्रतिनिधिमंडल 11 से 13 अगस्तप, 2019 तक रूस के व्लादिवोस्तोक की यात्रा करेगा। उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस यात्रा का मुख्य। उद्देश्यी निवेश अवसरों की तलाश करने के साथ-साथ सुदूर पूर्व के प्रांतों के साथ घनिष्ठ साझेदारियां सुनिश्चित करना है।