कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच डॉक्टरों और नर्सों की लापरवाही भी सामने आई है. ताजा मामला ठाणे से सामने आया है। यहां मंगलवार को टीकाकरण अभियान के दौरान एक नर्स ने एक व्यक्ति को एंटी रैबीज (कुत्ते के काटने का इंजेक्शन) का इंजेक्शन दिया। हालांकि इसकी जानकारी मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर आरोपित नर्स व इस अभियान के प्रभारी चिकित्सक को निलंबित कर दिया गया है
ठाणे नगर निगम के अपर आयुक्त संदीप मालवी ने बताया कि घटना ठाणे के कलवा क्षेत्र के स्वास्थ्य केंद्र की है. हमने रेबीज रोधी इंजेक्शन लगाने वाली नर्स और डॉक्टर को निलंबित कर दिया है। पूरे मामले की जांच की जा रही है और जिसे टीका लगाया गया है उसे डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है.
संदीप मालवी ने बताया कि राजकुमार यादव स्वास्थ्य केंद्र पर कोविशील्ड वैक्सीन की डोज लेने आए थे, लेकिन गलती से वह उस कतार में लग गए जहां एंटी रैबीज इंजेक्शन दिया जाता है. वहीं स्वास्थ्य केंद्र की नर्स कीर्ति पोपरे ने राजकुमार यादव के केस पेपर को देखे बिना ही इंजेक्शन लगा दिया. संदीप ने आगे कहा कि टीका लगाने से पहले मरीज के केस पेपर की जांच करना नर्स का कर्तव्य था।
उत्तर प्रदेश के शामली में पिछले मार्च में भी ऐसी ही लापरवाही सामने आई थी. यहां 3 महिलाओं को कोरोना की जगह एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगाया गया। इनमें से एक 70 वर्षीय महिला की तबीयत बिगड़ने के बाद मामला सामने आया। तीनों महिलाओं की उम्र 60 साल से अधिक थी।