सावधान! कोरोना वायरस से जयपुर बनता जा रहा है वुहान

पुलिस का फ्लैग मार्च जैसी स्थितियां जयपुर के हर परिवार में घबराहट पैदा कर रही है
सावधान! कोरोना वायरस से जयपुर बनता जा रहा है वुहान
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न्यूज़- मैं रणवीर और आज राजधानी जयपुर की वर्तमान स्थिति को लेकर आपके समक्ष हूँ। हमारा गुलाबी नगर जयपुर जो की इन दिनों कोविड 19 के आक्रमण से अपने आपको बचाने की भरकस कोशिश में लगा हुआ है लेकिन Coronavirus संक्रमण जिस तरह पूरे शहर को अपनी चपेट में ले चुका है इसे देख कर लग रहा है राज्य सरकार कोरोना से चल रही जंग में कुछ "कमजोर "पड़ने लगी है। खासकर राजधानी जयपुर जहां सरकारी अमला भरपूर "नफरी" के साथ मौजूद है फिर भी कोरोना को काबू नहीं कर पाना हैरान करता है। एरिया दर एरिया लग रहे कर्फ्यू ओर सील बंदी, सायरन बजाती दौड़ रही एंबुलेंस, पुलिस का फ्लैग मार्च जैसी स्थितियां जयपुर के हर परिवार में घबराहट पैदा कर रही है जिसके चलते हार्ट ओर एंग्जाइटी पीड़ितों की तकलीफे ओर बढ गई हैं।

जयपुर में कारोंना संक्रमित ओर संदिग्धों का बढ़ रहा ग्राफ जो रामगंज की सीमाएं तोड़ता हुआ जयपुर के लगभग हर इलाके में अपनी "अटेंडेंस" लगा चुका है इस वजह से शहर में हालात काफी भयावह ओर खतरनाक बन पड़े है ऐसा लग रहा है हालात बेकाबू हो चुके हैं हैरानी होती हैं महा कर्फ्यू के बावजूद लोग नाके तोड़ कर बहुत आसानी से बाहरी क्षेत्रों में घूम रहे हैं, अभी हाल ही में नायला गांव से एक युवक रामगंज स्तिथ अपने ससुराल आकर अपनी पत्नी को मोटर साइकिल पर बैठा कर वापस नाएला पहुंच गया, तब गांव वालो की शिकायत पर उसके परिवार को कवारेटाइन किया गया इसी तरह दो लड़कियां भी सुभाष चौक से कर्फ्यू के बावजूद स्कूटी पर मुरलीपुरा पहुंच गई। अब अगर इनमे कोई कोरोना पॉजिटिव हुआ तो जाहिर है संक्रमण बाहर भी फैलेगा ही।

अब जयपुर प्रशासन कोरोना संदिग्धों को घनी आबादी के बीच बनाए कवाराटाइन सेंटरों में भेज रहा हैं, यह दिमागी दिवालियापन नजर आता है हैरानी है ,ऐसा कोई भी कैसे कर सकता है क्यों की सीधे सीधे यह कोरोना संक्रमण को फैलाने का आसान रास्ता है एक तरह से लगता है इस संक्रमण को हथकड़ियां खोल कर खुला छोड़ दिया गया है की जाओ जमकर लोगो से गले मिलो , आखिर इतनी बड़ी लापरवाही किस स्तर पर हुई यह जांच का विषय है। कोरोना वायरस को जयपुर में आगे बढ़ाने का बड़ा रोल यहां की कुछ समाजसेवी संस्थायो का भी है खासकर वो जो पका पकाया खाना बांट रही थी, 5 से 6 हजार लोगो का खाना बनाने के लिए सौ से डेढ़ सौ हलवाई ओर मजदूर लगते थे, इनमे बगैर कोरोना जांच करवाएं मजदूरों को झोंक दिया गया, आटा गूंथने, पुड़िया तलने, सब्जी काटने ओर पैकिंग इत्यादि कई कार्य इन्हीं मजदूरों द्वारा निपटाए गए अब इनमे कितने कोरोना कैरियर थे किसी को कुछ नहीं पता, यह तो भला हो स्थानीय प्रशासन का जिसने इन्हे बंद करवा दिया वरना हालात ओर बदतर हो सकते थे।

ऐसे ही पुलिस के एक आला अधिकारी ने बताया की पुलिस भी अपनी ड्यूटी मुस्तैदी से निभा रही है लेकिन अक्सर लॉक डाउन में किसी के पकड़े जाने पर उसे छोड़ने का राजनीतिक दबाव आ जाता है और बिना कार्यवाही के उसे मजबूरन छोड़ना पड़ता है अगर वह कोरोना पीड़ित है तो शहर के लिए बड़ा खतरा है। यहां जिम्मेदार राजनेतिक दबाव है।

अब राज्य सरकार ने भी सख्त लॉक डाउन वाली स्तिथि होने के बावजूद मॉडिफाइड लोक डाउन का फैसला लेकर शहर को कोरोना संक्रमण की ओर धकेल दिया है जो कि काफी खतरनाक सिद्द होने वाला है। जयपुर सांसद रामचरण बोहरा भी जयपुर को लेकर खासे चिंतित है उन्होंने घनी आबादी के बीच कोरोना संदिग्धों को कवाराटाइन सेंटर बना कर रखने को जयपुर की आवाम के लिए खतरनाक बताया है इसके लिए विरोध जताते हुए उन्होंने सरकार ओर प्रशासन को पत्र लिख कर कवाराटाइन सेंटर शहर के बाहर बनाने को कहा है ताकि यहां आबादी वाले इलाकों में सब लोग सुरक्षित ओर स्वस्थ रहें साथ ही बोहरा ने लोकडाउन ओर महा कर्फ्यू को भी नाकाम बताते हुए कहा कि इसकी पालना में ढिलाई बरती जा रही है जिस कारण बाहरी क्षेत्रों के कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे है ।

अब केंद्र सरकार भी मान रही हैं कि जयपुर में हालात खराब हो चुके है इसी के चलते केंद्रीय टीम ने यहां का दौरा किया है। जयपुर में कोरोना से जंग लड़ रहे डॉक्टर्स, पुलिस, नर्सेज, वार्ड ब्वाय भी कोरोना संक्रमण की चपेट में तेजी से आने लगे हैं। जयपुर को कोरोना वाइरस अपने खूनी पंजों में जकड़ता ही जा रहा है ओर इस वाइरस से पीड़ितों की भीड़ ओर उनके परिजनों की आंखो में निरंतर बह रहे आंसू देख कर लगने लगा है कि कहीं हमारा "जयपुर" भी "वुहान"बनने की ओर अपने कदम नहीं बढ़ा लेवें ।

सरकार को कुछ सुझाव:

1) सम्पूर्ण जयपुर में ऐसा महाकर्फ्यू लगे जिसमे राशन, दवा की दुकानों पर भी ताला हो।

2,) अर्द्ध सैनिक बलों की तैनाती।

3,) आबादी क्षेत्रों से क्वाराटिन्न सेंटर हटाना ओर सभी को होम क्वाराटिन्न ही रखना।

4) बहुत कम फासले पर शहर भर में हाथ धोने के वाशपेशन साबुन लिक्विड के साथ लगे हो जो पैर से पंप दबाने वाले हो, क्यों की हाथ से चलने वाले संक्रमण फैलाने में सहायक साबित होंगे , इन्हे फिलहाल पुलिस थानों, हॉस्पिटलों में लगाया जाना चाहिए।

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