लाॅकडाउन में पढ़ाई को हुए नुकसान की भरपाई के लिए सिलेबस काे तर्कसंगत बनाने में जुटा CBSE

शिक्षा प्रणाली में अचानक बदलाव से भ्रम और अनिश्चितता पैदा हाे सकती है : अध्यक्ष मनोज आहूजा
लाॅकडाउन में पढ़ाई को हुए नुकसान की भरपाई के लिए सिलेबस काे तर्कसंगत बनाने में जुटा CBSE
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न्यूज – सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) काेराेना महामारी के कारण लाॅकडाउन में स्कूलाें के बंद रहने से पाठ्यक्रम काे तर्कसंगत बनाने में जुटा है। एक महीने में नया पाठ्यक्रम तैयार हाे जाएगा।

इस बारे में CBSE के अध्यक्ष मनोज आहूजा ने जानकारी दी। आहूजा ने कहा, "हम शिक्षा प्रणाली में अचानक बदलाव नहीं ला सकते। इससे भ्रम और अनिश्चितता पैदा हाे सकती है।

पाठ्यक्रम में सुधार काे सीखने की प्रक्रिया से जाेड़ा जाएगा। आहूजा "स्कूलों का भविष्य: काेविड-19 की चुनाैतियां और आगे की दिशा' विषय पर अशाेक यूनिवर्सिटी की ओर ये आयाेजित वीडियाे काॅन्फ्रेंस में बाेल रहे थे।

CBSE अध्यक्ष ने कहा, "हम पाठ्यक्रम को तर्कसंगत बना रहे हैं। हमारी योजना मुख्य तत्वों को बनाए रखने की है। इससे पहले मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पाेखरियाल निशंक ने अप्रैल में घोषणा की थी कि CBSE कोविड-19 के चलते हुए लॉकडाउन के कारण खोए समय के लिए सभी वर्गों के लिए अगले शैक्षणिक कैलेंडर में पाठ्यक्रम को कम कर देगा। इसके बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने विभिन्न ग्रेड के लिए वैकल्पिक कैलेंडर सॉन्च किया जो लॉकडाउन के दौरान सीखने की योजना का विस्तार करता है।

कोरोना के बढ़ते प्रसार के कारण देश भर के सभी विश्वविद्यालयों और स्कूलों को 16 मार्च से बंद कर दिया गया था। बाद में सरकार द्वारा 24 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा के बाद सभी राज्यों की बोर्ड परीक्षा, CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षाओं के साथ ही सभी प्रतियोगी परीक्षाएं भी स्थगित कर दी गई थी। वहीं, अब देश में हो रहे अनलॉक के साथ ही कई शैक्षणिक गतिविधियां भी तेज हो गई है।

हालांकि, अभी स्कूल- कॉलेज को दोबारा खोलने के बारे में कोई फैसला नहीं लिया गया है। इस बारे में राज्य, केंद्र शासित प्रदेशों और पैरेंट्स की सलाह के बाद जुलाई में ही फैसला लिया जाएगा।

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