चीन में उइगर समुदाय और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदायों के साथ हो रहे जुल्म को लेकर अमेरिका और सख्त हो गया है। अमेरिका के बाइडेन प्रशासन ने चीन की 14 कंपनियों को ट्रेड ब्लैकलिस्ट सूची में जोड़ दिया है। इन कंपनियों का चीन में उइगर और मुस्लिम समुदायों के शोषण में कथित तौर पर भूमिका बताई गई है जिसके बाद अमेरिका ने यह कार्रवाई की है।
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, अमेरिका के वाणिज्य विभाग की तरफ से कहा गया कि चीन के झिंजियांग प्रांत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ बीजिंग के दमन, सामूहिक नजरबंदी और उच्च-प्रौद्योगिकी निगरानी के अभियान को सक्षम करने में इन इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी फर्मों और अन्य कंपनियों ने मदद की है।
वाणिज्य विभाग की तरफ से यह भी कहा गया कि इन कंपनियों के बारे में कहा जा रहा था कि यह रूस में सैन्य कार्यक्रमों या प्रतिबंधित परमाणु विकास, या ईरान पर व्यापार प्रतिबंधों का उल्लंघन करने में सहायता करती हैं।
इन प्रतिबंधों में अमेरिकियों को इन कंपनियों को सामान व अन्य उपकरण बेचने पर रोक है। यह अमेरिका के तरफ से उठाया गया नया कदम है। अमेरिका की कोशिश है कि इन कंपनियों के द्वारा चीन को उइगर समुदाय के लोगों का शोषण करने में की जाने वाली मदद को रोका जा सके।
बता दें चीन की सरकार ने साल 2017 से झिंजियांग प्रांत में लाखों लोगों को कैद कर रखा है। चीन पर आरोप लगते रहे हैं कि वो यहां जबरन लेबर कैंप चलाता है, लोगों को प्रताड़ित करता है और जबरन नसबंदी करने के भी चीन पर आरोप हैं। आलोचकों का कहना है कि चीन कथित रूप से मुस्लिम जातीय अल्पसंख्यक समूहों का दमन करना चाहता है।