दुनिया आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रही है। कार्यक्रम की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश में संबोधन से भी हुई। हालांकि इस बीच कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी के एक ट्वीट को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। उन्होंने ट्वीट किया, 'ओम के जाप से न तो योग अधिक शक्तिशाली होगा, न ही अल्लाह कहने से योग की शक्ति कम होगी।'
इस पर योग गुरु बाबा रामदेव ने पलटवार किया। उन्होंने कहा,
'ईश्वर-अल्लाह तेरो नाम, सबको सन्मति दे भगवान। अल्लाह,
भगवान, खुदा सब एक ही है, ऐसे में ॐ बोलने में दिक्कत क्या है?
लेकिन हम किसी को खुदा बोलने से मना नहीं कर रहे हैं। सभी को
योग करना चाहिए, फिर सभी को एक ही परमात्मा दिखेगा।'
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया। उन्होंने देश को 'योग से सहयोग तक' का मंत्र दिया। उन्होंने कहा कि आज जब पूरी दुनिया कोरोना से लड़ रही है, योग आशा की किरण बना हुआ है। दो साल से दुनिया के बड़े देशों में भले ही कोई बड़ा सार्वजनिक कार्यक्रम न हुआ हो, लेकिन योग के प्रति उत्साह कम नहीं हुआ है. इस साल की थीम 'योग फॉर वेलनेस' ने लोगों में योग के प्रति प्रेम को और भी बढ़ा दिया है।
कोरोना महामारी के बीच इस बार दूसरा योग दिवस मनाया जा रहा है। इससे पहले पिछले साल भी महामारी के बीच छठे योग दिवस का आयोजन किया गया था। हालांकि, यह कोरोना के कारण फीका रहा। पिछले साल संयुक्त राष्ट्र ने अपनी थीम 'योग फॉर हेल्थ-योग फ्रॉम होम'रखी थी। इस बार भी कोरोना एप्रोप्रिएट बिहेवियर के साथ मनाया जा रहा है। यानी सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और बार-बार हाथ धोने के नियम मानने होंगे।
पहला विश्व योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था। इस दिन, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, लगभग 35,985 लोगों ने नई दिल्ली में राजपथ पर 35 मिनट के लिए 21 विभिन्न योगासन किए।
इस दौरान दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाए गए। पहला रिकॉर्ड इतनी बड़ी संख्या में एक स्थान पर योग करने वाले लोगों के लिए और दूसरा रिकॉर्ड इस आयोजन में 84 विभिन्न राष्ट्रीयता के लोगों की भागीदारी के कारण बना था।