डेस्क न्यूज़ – ऐसा लगता है कि महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। राज्य के शीर्ष नेताओं के बीच हाई–प्रोफाइल बैठकें जारी हैं, भाजपा लगातार राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर रही है, जिसमें राहुल गांधी ने एक बड़ा बयान दिया है। राहुल का कहना है कि राज्य में कांग्रेस केवल उद्धव ठाकरे सरकार का समर्थन कर रही है और इस सरकार द्वारा लिए जा रहे फैसलों में कांग्रेस की कोई भूमिका नहीं है। राहुल गांधी ने एक वीडियो प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, कांग्रेस पार्टी पंजाब, छत्तीसगढ़, राजस्थान और पुडुचेरी में सरकार चला रही है और फैसले ले रही है, लेकिन महाराष्ट्र में ऐसा नहीं है। सरकार चलाने और सरकार का समर्थन करने में अंतर है। दरअसल, राहुल से पूछा गया कि महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण क्यों नहीं रुक रहा है।
राहुल गांधी का बयान ऐसे समय में आया है जब भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने एक दिन पहले राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की है और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। राकांपा प्रमुख शरद पवार ने आधी रात को उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। शरद पवार ने भी राज्यपाल से मुलाकात की। एक के बाद एक सवाल उठ रहे हैं कि क्या महाराष्ट्र में सबकुछ ठीक है।
शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा है कि उद्धव ठाकरे सरकार को कोई समस्या नहीं है। हालाँकि, तीनों दलों के मतभेद समय–समय पर स्पष्ट होते रहे हैं। राकांपा के पास गृह मंत्रालय है और गठबंधन में सभी हावी हैं। उद्धव ठाकरे ने खुद इस मामले में अपने इशारे से अपनी मजबूरी जताई है। वहीं, कांग्रेस नेताओं की शिकायत है कि सरकार में कोई भी उनकी बात नहीं सुनता है। बड़े फैसले लेने से पहले उद्धव ठाकरे खुद कांग्रेस नेताओं की राय नहीं लेते। ऐसे में कांग्रेस के लिए गठबंधन में बने रहना मुश्किल है। महाराष्ट्र के कांग्रेसी नेता केंद्रीय नेतृत्व तक कई बार इस बिंदु तक पहुंच चुके हैं, लेकिन वहां से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।